Sat. Nov 23rd, 2024
    अयोध्या

    भारत में जैसे लोक सभा चुनाव करीब आने वाले होते हैं, “राम मंदिर-बाबरी मस्जिद” का मुद्दा गरमा जाता है। आजतक किसी सरकार ने मंदिर नहीं बनवाया मगर मंदिर ने बहुत सी सरकारें बना दी। इस बार भी जब 2019 के चुनाव करीब हैं तो अयोध्या में एक अलग ही रंग देखने को मिल रहा है। ‘विश्व हिन्दू परिषद्‘(वीएचपी) और ‘शिव सेना’ अयोध्या में अपना डेरा जमा कर बैठ गयी है। उनका ऐसा कहना है कि इस बार वे लोग मंदिर बनाकर ही जाएंगे। इसी उदेश्य से कुछ दिन पहले, वीएचपी ने एक ‘धरम सभा’ भी करवाई थी। और अब संगठन, 6 दिसंबर को “शौर्य दिवस” मनाएगा और 18 दिसंबर को गीता जयंती का उत्सव।

    निर्मोही अखाड़ा के महंत रामदास ने बताया कि 6 दिसम्बर को शहर के करीबन 500 प्रमुख आश्रमों को दीपो से प्रकाशित किया जाएगा। उनके मुताबिक, “हम इस दिन को ‘शौर्य दिवस’ के रूप में मनाएंगे क्योंकि इसी दिन राम जन्मभूमि, एक मुग़ल संरचना से आज़ाद हुई थी।”

    25 नवम्बर को हुई धरम सभा में, नृत्य गोपालदास(राम जन्मभूमि के राष्ट्रपति) ने कहा-“इतनी उपस्थित लोगों की संख्या ये दर्शाती है कि लोग राम मंदिर से जुड़े हुए हैं। हम न्यायालय का सम्मान करते हैं। हमे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बहुत उमीदें है। मैं आदित्यनाथ जी से अनुरोध करता हूँ कि वे राम मंदिर के निर्माण के लिए कोई रास्ता निकाले।”

    पिछले साल,  बाबरी मस्जिद के विध्वंस को 25 साल पूरे हुए थे। उस दौरान, फैजाबाद और अयोध्या में भारी सुरक्षा तैनात की गयी थी। इसका कारण था कि उस दिन वीएचपी और बजरंग दल ने “शौर्य दिवस”(वीरता का दिन) और मुस्लिम संगठनो ने “यौम-ए-ग़म”( शोक का दिन) मनाया था।

    इस साल भी, फैजाबाद प्रशाशन ने इन दोनों शहरों में भारी सुरक्षा तैनात किये है । पुलिस ने ‘सीआरपीएफ’ और ‘आरएएफ’ के साथ मिलकर अयोध्या और फैजाबाद के संवेदनशील इलाको में पहरा दिया हुआ है। क्षेत्र में, वाहनों, होटल और धर्मशालाओ की छानबीन भी की जा रही है।

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *