उत्तर प्रदेश के बांदा जिले में नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) के विरुद्ध भले ही कोई बड़ा विरोध प्रदर्शन न हो रहा हो, लेकिन यहां पुलिस अधिकारी बेहद सतर्क हैं। एक ओर जहां मुस्लिम क्षेत्र की पुलिस चौकियों में बालू भरी बोरियों से बंकर बनाए गए हैं, वहीं दूसरी तरफ पुलिस के बड़े अधिकारी मुस्लिम मदरसों में पहुंचकर लगातार मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठक कर शांति की अपील कर रहे हैं।
नागरिकता संशोधन अधिनियम (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर अपवाद स्वरूप 19 दिसंबर के समाजवादी पार्टी (सपा) के विरोध प्रदर्शन को छोड़ दिया जाए तो बांदा जिले में कोई खास विरोध प्रदर्शन नहीं हुआ। फिर भी पड़ोसी जिलों कानपुर, हमीरपुर में हुए विरोध प्रदर्शनों के मद्देनजर बांदा जिला मुख्यालय में पुलिस बेहद सतर्कता बरत रही है। शहर के मुस्लिम बाहुल्य बस्तियों की पुलिस चौकियों की छतों पर उपद्रवियों से निपटने के लिए बालू भरी बोरियां रखकर ‘बंकर’ बनाए गए हैं। डीआईजी दीपक कुमार और पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा के अलावा अपर पुलिस अधीक्षक और सभी क्षेत्राधिकारी लगातार मदरसों और मस्जिदों में पहुंचकर मुस्लिम धर्मगुरुओं के साथ बैठकें भी कर रहे हैं।
अपर पुलिस अधीक्षक (एएसपी) लाल भरत कुमार पाल ने मंगलवार को बताया कि शहर की मुस्लिम बस्ती की मर्दननाका, खाईंपार, जामा मस्जिद रोड, अमर टाकीज चौराहा, खुटला, गूलरनाका और कालवनगंज की पुलिस चौकियों की छतों पर बालू भरी बोरियों से बंकर बनाए गए हैं। वहीं, सोमवार को पुलिस अधीक्षक गणेश प्रसाद साहा ने विश्व प्रसिद्ध हथौरा के मुस्लिम मदरसा जाकर सीएए और एनआरसी को लेकर मुस्लिम धर्मगुरुओं व वहां के छात्रों से सीधा संवाद किया और शांति कायम रखने की अपील की है।
एएसपी ने बताया कि “इसके पहले डीआईजी दीपक कुमार ने मुस्लिम बाहुल्य क्षेत्रों में सीएए और एनआरसी को लेकर खुली कार्यशाला आयोजित कर उनसे जुड़े सवालों के जवाब दिए और दोनों कानूनों से किसी की नागरिकता नहीं खोने का भरोसा दे चुके हैं।”
पाल ने बताया कि सोशल मीडिया पर भी कड़ी निगरानी रखने के लिए अलीगंज पुलिस चौकी में एक सेल का गठन किया गया है, ताकि कोई भी व्यक्ति अफवाह न फैला सके। यहां अमन के लिए लोगों से पूर्व की भांति सामाजिक सौहाद्र्र कायम रखने की अपील की जा रही है और पुलिस गश्त तेज कर दी गई है।