बांग्लादेश की प्रधानमंत्रो शेख हसीना ने अल्पसंख्यक हिन्दुओं को डेढ़ 1.5 बीघा जमीन मंदिर के निर्माण के लिए दी है। दुर्गा पूजा के पवित्र अवसर पर प्रधानमंत्री हसीना ने खुद को अल्पसंख्यकों की हितैषी साबित करने की कोशिश की।
प्रधानमंत्री शेख हसीना ने बांग्लदेश के सबसे बड़े मंदिर में जाकर दर्शन किये। मंदिर से उन्होंने 43 करोड़ रूपए की जमीन को हिन्दुओं के मंदिर के लिए दान देने का ऐलान किया।
बांग्लादेश का अल्संख्यक हिन्दू समुदाय सत्तासीन अवामी लीग की स्थापना से समय से ही कट्टर समर्थक रहा है। बंगलादेश में आगामी संसदीय चुनाव दिसंबर में हैं। भूमि अतिक्रमण के कारण मंदिर की अधिकतर जमीन बेकार हो चुकी थी। शेख हसीना के नेतृत्व में सरकार ने मंदिर की जमीन को मंदिर विभाग को सौंप दिया। साथ ही हिन्दू कलियन ट्रस्ट को दी जाने वाली अनुदान की राशि में इजाफा किया।
बांग्लादेश सरकार के अधिकारी ने कहा कि इसमें शक की गुंजाइश नहीं है कि पिछले 10 वर्षों में अवामी लीग की सरकार ने निरंतर आर्थिक तरक्की की है। देश में शताब्दी से गायब स्थिरता को सरकार ने दशकों से कायम रख रही है।
उन्होंने बताया कि देश में वृद्धि और स्थिरता का ही परिणाम है जो राष्ट्र की सुरक्षा को प्रभावशाली बना रही है। न सिर्फ अल्पसंख्यकों की बल्कि समस्त देशवासियों को इसकी अनुभूति हो रही होगी।
शेख हसीना सरकार का नारा ‘धार्मो जार जार, उत्सोब शोबर’ यानी धर्म सभी का अधिकार है लेकिन त्यौहार से सभी का नाता है, को बांग्लादेश की सरजमीं पर देखा जा सकता है। साल 2017 के बाद 30000 बार दुर्गा पूजा का जश्न समस्त देश में शांतिपूर्ण तरीके से मनाया गया है। इस साल यह आंकड़ा बढ़कर 31,272 हो जायेगा।
विपक्षी पार्टी बीएनपी और उसके गठबंधन सहयोगी जमात-ए-इस्लामी ने हसीना सरकार पर हिन्दुओं को नज़रअंदाज़ करने का आरोप लगाया और कहा कि वे इस मसले को अंतर्राष्ट्रीय समुदाय के समक्ष रखेंगे।
सरकारी अधिकारी के मुताबिक यदि दुर्गा पूजा का त्यौहार शांतिपूर्ण तरीके से सम्भव होता है यो अंतर्राष्ट्रीय मंच पर बंगलदेश की छवि सुधरेगी। एक धर्मनिरपेक्ष, लोकतंत्र और समिल्लित इस्लामिक राष्ट्र होगा जो पाकिस्तान के उलट है।