बांग्लादेश ने तक़रीबन दो माह बाद म्यांमार का खोया सैनिक वापस लौटा दिया है जो जंगलों के रास्ते भटकता हुआ सीमा पार कर ढाका में दाखिल हो गया था। 30 वर्षीय म्यांमार के सैनिक औंग बो बो को 24 जनवरी को बांग्लादेश सेना ने हिरासत में ले लिया था।
लापता सैनिक को लौटाया
बांग्लादेश मीडिया के मुताबिक ब्रिगेडियर जनरल रहमान ने बताया कि “उन्होंने सीमा पार कर ली थी और जंगल में मिले थे। आज हमने उन्हें फ्लैग मीटिंग के दौरान म्यांमार सीमा पुलिस के सुपुर्द कर दिया है।”
बांग्लादेश और म्यांमार के रिश्तों में साल 2017 के बाद खटास आना शुरू हो गयी थी, जब बौद्ध बहुल देश से 740000 रोहिंग्या मुस्लिम बांग्लादेश में भागकर आ गए थे। रोहिंग्या मुस्लिमों के राज्य रखाइन में सेना ने दमनकारी नीति का इस्तेमाल शुरू कर दिया था।
बांग्लादेश और म्यांमार ने नवंबर 2017 में रोहिंग्या मुस्लिमों की घरवापसी के समझौते पर हस्ताक्षर किये थे। हालाँकि रोहिंग्या शरणार्थियों ने बिना नागरिकता और अन्य अधिकारों के बिना वापस लौटने से इंकार कर दिया है।
बांग्लादेश की मांग
बांग्लादेश के विदेश मंत्री शाहिदुल हक ने यूएन परिषद की बैठक में कहा कि उनके देश में रह रहे लाखो रोहिंग्या शरणार्थियों की देश वापसी का संकट अब अधिक बढ़ चुका है।
साथ ही बांग्लादेश ने यूएन से निर्णायक कदम उठाने की मांग की है। उन्होंने कहा कि मुझे परिषद् को यह जानकारी देते हुए खेद हो रहा है कि बांग्लादेश अब अधिक रोहिंग्या मुस्लिमों को पनाह देने की हालत में नहीं हैं। बांग्लादेश एक समझौते के तहत रोहिंग्या मुस्लिमों को उनके देश वापस भेजने के लिए तैयार हो गया था। लेकिन यूएन ने जोर देते हुए कहा कि सुरक्षा सुनिश्चित होने पर ही रोहिंग्या समुदाय को मुल्क वापस भेजा जाएगा।
विदेश मंत्री ने पूछा कि “क्या बांग्लादेश अपने पड़ोसी मुल्क के उत्पीड़ित अल्पसंखयकों को सहानुभूति जाहिर करने की कीमत अदा कर रहा है।” यूएन के राजदूत ने 5 बार म्यांमार का दौरा करने के बाद कहा कि “शरणार्थियों को वापस भेजने की प्रक्रिया बेहद धीमी है। साथ ही उन्होंने आगाह किया कि म्यांमार में आगामी चुनावों के बाद संकट अधिक गहरा सकता है।”