बांग्लादेश में शुक्रवार को विश्व प्रसिद्द इज्तेमा यानी मिनी हज के लिए सुरक्षा व्यवस्था मज़बूत की गयी है। बांग्लादेश और विदेशों से 30 लाख मुस्लिम तुरंग नदी के किनारे टोंगी शहर में एकत्रित हुए हैं। ढाका से उत्तर में 25 किलोमीटर दूर साल में लोग एकत्रित होते हैं। इसे तब्लीग जमात समूह ने साल 1964 में लागू किया था।
यह आयोजन चार दिनों तक होगा लेकिन हालिया हिंसा से माहौल ख़राब होने के आसार भी बन रहे हैं। दिसंबर में दो विरोधी बांग्लादेशी गुटों में हिंसक झड़प हो गयी थी, जिसमे एक व्यक्ति की मृत्यु हो गयी थी और दर्जनों घायल हो गये थे।यह हुजूम सालाना जनवरी में उमड़ता है लेकिन हिंसक गतिविधियों के कारण इसे स्थगित कर दिया गया था। बांग्लादेशी विभाग ने शान्ति के लिए विरोधी गुटों से कई बात मुलाकात की थी।
पुलिस ने कहा कि दोबारा संघर्ष की स्थिति से बचाव के लिए इस अटल पर सैकड़ों अधिकारियों की तैनाती की गयी है। पुलिस इकाई की प्रमुख बेनज़ीर अहमद ने कहा कि “इसे शांतिपूर्ण बनाने के लिए हमने पर्याप्त तैयारियां कर ली है।” अहमद ने दोनों गुटों से मतभेदों और विवाद को भूलने का आग्रह किया है।” उन्होंने आगाह किया कि अत्यधिक भीड़ के कारण कोई भी घटना खतरनाक साबित हो सकती है।
तब्लीग के प्रवक्ता ने कहा कि हज़ारो-सैकड़ों मुस्लिमों ने पहले ही प्रवेश कर लिया है और यह 18 फरवरी तक जारी रहेगा। इबने मुस्लिम ने कहा कि यह मतभेद बीते वर्ष दिल्ली के एक इस्लामिक मौलवी साद कांधलवी के कारण उभरा था, जिनके दादाजी द्वारा संस्थापित गैर राजनितिक समूह ने जनता से रोजमर्रा के जीवन में इस्लाम के कानूनों का पालन करने का आग्रह किया था।
एक गुट को यकीन है कि दिल्ली के मौलवी ने सही दावा किया है, लेकिन कट्टर बांग्लादेशी मुस्लिम द्वारा समर्थित विरोधी समूह ने इसका विरोध करते हुए कहा कि “उन्होंने कही भागों में कुरान और पैगम्बर मोहम्मद की परम्पराओं का गलत व्याख्यान किया है।”
जनसँख्या के लिहाज से बांग्लादेश विश्व का आंठवा देश है, जो मुस्लिमों की तादाद में चौथे पायदान पर है। इज्तेमा में भाग लेने वाले अधिकतर मुस्लिम बांग्लादेश के ग्रामीण इलाकों से हैं और हज़ारों की संख्या में मुस्लिम उत्तरी अफ्रीका, मध्य एशिया और चीन से आये हैं। इस समारोह को मिनी हज कहा गया है, विशेषकर उनके लिए जो सऊदी अरब में स्थित मेक्का की यात्रा नहीं कर सकते हैं।