पाकिस्तान में बलूचचिस्तान की आजादी के लिए संघर्ष कर रहे ब्रह्मदाग बुगती ने हाल ही में बांग्लादेश की आजादी पर खुशी व्यक्त करते हुए एक ट्वीट किया। बलूच रिपब्लिकन पार्टी के अध्यक्ष ब्रह्मदाग बुगती ने शनिवार को बांग्लादेश के विजय दिवस व आजादी की सालगिरह पर ट्वीट किया।
बलूच नेता ने बांग्लादेश के विजय दिवस पर उन्हें शुभकामनाएं दी और आशा जताई कि बलूचिस्तान भी पाकिस्तान के आतंक से स्वतंत्र हो जाएगा।
बलूच ने ट्विटर पर लिखा कि “बांग्लादेश के लोगों को विजय दिवस की शुभकामनाएं। उन्होंने संघर्ष और बलिदान के जरिए पाकिस्तान जैसे तानाशाह देश से बांग्लादेश की स्वतंत्रता जीती। अब बलूच राष्ट्र भी ऐसी ही एक जीत की तलाश में है और हम इसे जल्द ही प्राप्त करने की आशा रखते है।“
Happy Victory Day to the people of Bangladesh. They won their freedom from the tyrant state of Pakistan through brave struggle and sacrifices. The Baloch nation longs for the same victory and we hope to achieve it soon
— Brahumdagh Bugti (@BBugti) December 16, 2017
साल 1971 में भारत द्वारा पाकिस्तान की सेना को हराने के बाद व बांग्लादेश को स्वतंत्र राष्ट्र घोषित किए जाने पर हर साल 16 दिसंबर को विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है।
बलूच लोगों के साथ हो रहा अत्याचार
गौरतलब है कि पाकिस्तान में स्थित बलूचिस्तान के नागरिक काफी समय से खुद को अलग व स्वतंत्र राष्ट्र का दर्जा देने की मांग कर रहे है। दरअसल पाकिस्तान सरकार व सेना के द्वारा बलूचिस्तान में नागरिकों के ऊपर बुरी तरह से अत्याचार, हिंसा व यातनाएं दी जाती है।
बलूच नेता ब्रह्मदाग बुगती ने भी इसी संघर्ष के खिलाफ व इसकी स्वतंत्रता के खिलाफ आवाज उठाई थी जिसे पाकिस्तान ने मोस्ट वॉन्टेड अपराधी घोषित कर रखा है। ब्रह्मादाग बुगती ने स्विटजरलैंड में राजनीतिक शरण के लिए याचिका दी थी जिसे अस्वीकार किया गया था।
पाकिस्तान से बाहर होने पर भी बलूच नेता पाक से बलूचिस्तान की आजादी की मांग कर रहा है। इतना ही नहीं बलूच लोगों के ऊपर किए जा रहे अत्याचारों को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी उठाया जा रहा है।
बलूच की आजादी की मांग को लेकर कई नेताओं व नागरिकों ने संयुक्त राष्ट्र, अमेरिका व भारत जैसे देशों से मदद की गुहार भी लगाई है। हाल ही में हाफिज सईद को कोर्ट द्वारा रिहा करने पर ब्रह्मदाग बुगती ने पाकिस्तान सरकार पर जमकर निशाना साधा था और आतंकियों को सहायता प्रदान करने का आरोप लगाया था।