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    बांग्लादेश में फनी तूफ़ान का प्रहार

    बांग्लादेश के तटीय इलाको पर रहने वाले चार लाख लोगो को फनी चक्रवात के कारण विस्थापित होना पड़ा है। भारत के पूर्वी क्षेत्र में फनी ने कहर बरपाया है और इसमें तीन लोगो की जान गयी है। आपदा प्रबंधन और राहत के राज्य मंत्री एनामुर रहमान ने ढाका ट्रिब्यून से कहा कि “तटीय क्षेत्रों से तक़रीबन 404225 लोग विस्थापित हुए हैं और देश पर फनी के प्रहार से पूर्व उन्होंने शिविरों की शरण ली है।”

    राज्य मंत्री ने शुक्रवार को मंत्रियों से कहा कि “हमने शुक्रवार सुबह 10 बजे से लोगो को हटाना शुरू कर दिया था। 12 बजे तक 404225 को चक्रवात शिविरों में पंहुचा दिया गया था। हमें उम्मीद है कि शाम 5 बजे तक हम सभी को सुरक्षित स्थान पर पंहुचा देंगे।”

    उन्होंने कहा कि “समस्त बांग्लादेश के 19 जिलों में 4071 शिविर 2200000-2500000 लोगो को लेने के लिए तैयार है। चक्रवात फनी से निपटने के लिए चक्रवात तैयारी कार्यक्रम से 56000 हज़ार लोगो को तैनात किया गया है। इसमें नौसेना, पुलिस, तटीय सुरक्षाकर्मी, फायर सर्विस, रेड क्रिसेंट, स्काउट्स, स्थानीय प्रशासन और जिला प्रशासन भी शामिल है।”

    उन्होंने कहा कि “हमने इस तरीके से तैयारियां की है कि चक्रवात के कारण एक भी जिंदगी को नुकसान न हो। अगर हवा की गति 200 किलोमीटर प्रतिघंटा होगी तो हम खुलना क्षेत्र में 11000 एकड़ की उपजाऊ भूमि को बचा पाने में असमर्थ होंगे। चक्रवात शिविरों में ले जाने के लिए गर्भवती महिलाओं और बच्चों को प्राथमिकता दी जाएगी।”

    राज्य मंत्री ने कहा कि “यहां दिव्यांग लोगो के लिए अलग से कमरों की व्यवस्था है। साथ ही हम उप उच्चायुक्त को राशन के लिए अतिरिक्त 10 लाख टका भी मुहैया करेंगे और 200 टन चावल भी देंगे। साथ ही 45000 ड्राई फ़ूड के पैकेट को शिविरों में रखवा दिया गया है।”

    उन्होंने कहा कि “शिविरों में सौर ऊर्जा से बिजली दी गयी है और जहां सोलर पैनल नहीं है वहां प्रेशराईज़ड पैराफिन लाइट का इस्तेमाल किया गया है।” प्रधानमंत्री कार्यालय का सचिव नाज़िबूर रहमान ने बताया कि “प्रधानमंत्री निरंतर हालातो का जायजा ले रही है। हाल्नकी वह अभी लंदन में हैं लेकिन उन्होंने फनी से लड़ने के लिए सभी जरुरी कदम उठाने का आदेश दिया है।”

    भारत में दोपहर को फनी ने तटीय इलाकों पर अपना कहर बरपाया था और इसके बाद ओडिशा-पश्चिम बंगाल की तरफ मुड़ गया और अब खुलना व बांग्लादेश के दक्षिणी-पश्चिमी भागो तक पंहुच गया है। इस चक्रवात से ओडिशा में भारी बारिश हुई थी और 200 किलोमीटर की रफ़्तार से हवाएं बही थी।

    सहायता विभाग रोहिंग्या मुस्लिमों के लिए भी चिंतित है जो बांग्लादेश के तटीय इलाको के नजदीक शिविरों में रहते हैं। यूएन ने ट्वीट कर कहा कि “वह 135 आपात प्रक्रिया के लिए तैयार है। इसमें कई जरुरी सामान शामिल है मसलन, चटाई, चादर और टेंट है। अगर तूफ़ान के दौरान शिविर ध्वस्त हो जाते हैं जो परिवारों को इसकी जरुरी होगी।”

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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