बांग्लादेश की प्रधानमंत्री शेख हसीना, आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से मुलाकात करेंगी। दोनों नेताओं के बीच यह मुलाकात रबिन्द्रनाथ टैगोर द्वारा स्थापित शांतिनिकेतन में होगी। इस मुलाकात में पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी भी शिरकत करेंगी।
दोनों प्रधानमंत्री विश्व भारती यूनिवर्सिटी में बनाये गए बांग्लादेश भवन का उद्घाटन करेंगे। बांग्लादेश भवन को बांग्लादेश सरकार द्वारा की गयी आर्थिक सहायता से बनाया गया हैं।
बांग्लादेश की प्रधानमंत्री यह अनौपचारिक दौरा है, जिसमें वे सांस्कृतिक कार्यक्रमों में हिस्सा लेंगी, आपको बतादे बांग्लादेश में इस साल के अंत में संसदीय चुनाव होने हैं, जिससे पहले सत्ताधारी आवामी लीग भारत के साथ अपने संबंध सुधारना चाहती है। हालांकि यह दौरा अनौपचारिक है, लेकिन तीस्ता नदी के जल बटवारे जैसे अन्य महत्वपूर्ण विषयों पर भी चर्चा इस मुलाकात मैं होने की संभावना हैं।
बांग्लादेश में इस साल संसदीय चुनाव होने वाले हैं, इसलिए शेख हसीना जी का यह दौरा काफी अहमियत रखता हैं। भारत नहीं चाहता की कट्टर इस्लामी विचारधारा वाले राजनितिक दल बांग्लादेश में सत्ता में आये। मौजूदा प्रधानमंत्री शेख हसीना की पार्टी आवामी लीग भी कट्टरपंथी विचारों के विरोध में हैं।
भारत विश्व का सबसे बड़ा शरणार्थीयों को सहारा देने वाला देश नहीं बनाना चाहता, इसके चलते केंद्र सरकार द्वारा सर्वोच्च न्यायलय में दाखिल हलफनामें में रोहिंग्या शरणार्थियों को वापिस म्यांमार भेजने की बात कही गयी हैं।
दूसरी तरफ बांग्लादेश में करीब 7 लाख रोहिंग्या शरणार्थी शरण लिए हुए हैं, अपने नागरिकों को बुनियादी सुविधाएं देने में जूझ रहे बांग्लादेश सरकार को रोहिंग्या शरणार्थियों को शरण देने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा हैं। इस विषय में बांग्लादेश सरकार चाहती हैं की म्यांमार पर रोहिंग्याओं को वापिस लेने के लिए भारत की ओर से दबाव बनाया जाए।
तीस्ता नदी जल बटवारे के विषय में जल्द समाधान निकालने आश्वासन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शेख हसीना को दिया गया हैं। प्रधानमंत्री मोदी ने तीस्ता जल बटवारा संधी और केंद्र सरकार द्वारा 2011 में जारी अधिसूचनाओं के अनुरूप इसे जल्द सुलझाने की बात कही हैं, जिसपर पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने भी अपनी सहमती जताई हैं।
आगे बड़ते हुए भारत सरकार ने बांग्लादेश के लिए 5 बिलियन अमेरिकी डॉलर की आर्थिक सहायता(लाइन ऑफ़ क्रेडिट) की घोषणा की हैं। भारत द्वारा किसी भी देश को दी गयी यह सबसे बड़ी आर्थिक सहायता राशी हैं। चीन के ओबीओआर प्रकल्प के चलते उपमहाद्वीप में बड रहे चीन के हस्तक्षेप को रोकने के लिए भारत अपने पड़ोसी देशों में बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मदत कर रहा हैं।
भारत बांग्लादेश में रेल्वे का पुनर्निर्माण, ब्रिज, पॉवर प्लांट्स, बंदरगाह, सड़के आदि विकास कामों का जिम्मा लिए हुए हैं। बांग्लादेश में बुनियादी विकास करके उसे उत्तर पूर्वी भारत के राज्यों से जोड़ने पर सरकार विचाराधीन हैं।