बांग्लादेश की पुलिस ने तीन लोगो को 15 रोहिंग्या मुस्लिमों की मलेशिया में तस्करी की कोशिश करने के शक में मार दिया है। बांग्लादेश के शरणार्थी शिविरों में मंगलवार को संघर्ष हो गया था और महीनो में यह दूसरा संघर्ष था। करीब 900000 रोहिंग्या शरणार्थी पड़ोसी मुल्क से सेना की कार्रवाई के बाद भागकर बांग्लादेश आये थे।
बांग्लादेश के कॉक्स बाजार में विश्व का सबसे बड़ा शरणार्थी शिविर है और अन्य अस्थायी बस्तियां है। एक पुलिस अधिकारी प्रोदीप कुमार दास ने बताया कि “हमारी टीम वहां मौजूद थी और उन्होंने हम पर गोलियां चलाई और पुलिस ने उनको जवाब दिया।”
उन्होंने कहा कि “एक आदमी ने शरणार्थियों की तस्करी की कोशिश की थी जिसमे कुछ लड़कियां भी शामिल थी, उसे गोली मार दी थी और अस्पताल के रास्ते में उस व्यक्ति ने दम तोड़ दिया था। शरणार्थियों को बचा लिया गया है और शुरूआती पूछताछ के बाद वापस दो भिन्न शिविरों में भेज दिया गया है।”
यह संघर्ष कुटुपलोंग से 30 किलोमीटर की दूरी पर हुआ था। यह आदमी खुद को रोहिंग्या बताता है लेकिन मानव तस्करी करता है। वह साल 2017 में रोहिंग्या शरणार्थियों के पहले वहां रह रहा था। म्यांमार से भागे हुए रोहिंग्या शरणार्थियों ने कहा कि “वह सैन्य बलों के अत्याचारों को झेल रहे थे लेकिन इन सभी आरोपों से विभाग इंकार करता है।
इस क्षेत्र के लोगो और सहायता कार्यकार्ता ने कहा कि “म्यांमार में वापसी को लेकर शंका के कारण बांग्लादेश के कुछ शरणार्थी हिंसा और ड्रग के दलदल में गिर गए हैं।” तस्करी विरोधी समूहों को भय है कि रोहिंग्या शरणार्थियों की तस्करी के लिए बंगाल की खाड़ी के मार्गो का इस्तेमाल किया जा सकता है।
हालिया महीनो में पुलिस और बचाव कर्मियों ने कई शरणार्थियों को बचाया है। बीते महीने पुलिस ने गोलीबारी में दो संदिग्ध तस्करो की हत्या कर दी थी।