बहुजन समाज पार्टी सुप्रीमो मायावती ने हाथरस के सादाबाद से बसपा विधायक पूर्व एमएलसी मुकुल उपाध्याय को पार्टी से निष्काषित कर दिया।
निष्काषित होने के बाद मुकुल ने मायावती पर 2019 में अलीगढ से लोकसभा टिकट के लिए 5 करोड़ रुपये मांगने का आरोप लगा कर सनसनी फैला दी।
मुकुल उपाध्याय ने 2014 का लोकसभा चुनाव गाज़ियाबाद से और 2017 का विधानसभा चुनाव बुलंदशहर के शिकारपुर से बसपा के टिकट पर लड़ा था।
बसपा के जिला संयोजक ने कहा है कि मुकुल उपाध्याय पार्टी विरोधी गतिविधियों में लिप्त थे इसलिए उन्हें पार्टी से निकाला गया है। पार्टी सूत्रों के अनुसार मुकुल की भाजपा के साथ सांठगांठ थी और उन्हें कई बार भाजपा के समारोहों में देखा गया था।
मुकुल, वेस्ट यूपी में बसपा के ब्राह्मण चेहरा रामवीर के भाई हैं। रामवीर मायावती सरकार में ऊर्जा मंत्री का पदभार संभल चुके हैं। पार्टी सूत्रों के मुताबिक़ रामवीर की मायावती से करीबी के कारण ही मुकुल को विधानसभा का टिकट मिला था।
मुकुल 2019 में अलीगढ से चुनाव लड़ना चाहते थे लेकिन उनके भाई रामवीर चाहते थे कि उनकी पत्नी सीमा अलीगढ से चुनाव लड़े। पार्टी के सीनियर नेता के मुताबिक़ अपना पत्ता कटता देख मुकुल ने भाजपा के साथ नजदीकी बढ़ानी शुरू कर दी थी।
सीमा फतेहपुर सीकरी से 2009 का लोकसभा चुनाव जीत चुकी है लेकिन 2014 में उन्हें हार का सामना करना पड़ा था।
पार्टी से निष्काषित होने के बाद प्रेस कॉन्फ्रेंस करके मुकुल ने अपने भाई और भाभी पर अपने खिलाफ साजिश करने का भी आरोप लगाया।
मुकुल ने बताया कि ‘मायावती मुझे अलीगढ से टिकट देने के लिए तैयार थीं। लेकिन जब मुझसे 5 करोड़ रुपये मांगे गए तो मैंने कहा मेरे पास पैसे नहीं है। तब मेरे भाई ने कहा कि वो 5 करोड़ दे कर अपनी पत्नी के लिए वो टिकट ले रहे हैं।’ मुकुल ने कहा कि उनके भाई और भाभी उनकी राजनितिक तरक्की से जलते हैं।