Fri. Nov 22nd, 2024
    बलूचिस्तान में पाकिस्तान सेना पर हमला, 6 से ज़्यादा जवानों की मौत और 15 हमलावर मारे गए

    पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ रशीद ने एक वीडियो द्वारा बयान जारी कर यह सूचित किया कि बलूचिस्तान में चरमपंथी हमलावरों ने बुधवार देर रात को नोशकी और पंजगुर, जो पकिस्तांनी सेना के दो दक्षिण-पश्चिमी ठिकाने हैं, उन पर एक बड़ा हमला किया, जिसे पाकिस्तानी सुरक्षा बलों ने नाकाम कर दिया है परन्तु पंजगुर में अभी भी अभियान जारी है जहाँ हमलावरों को सैनिकों ने घेर रखा है। उन्होंने वीडियो बयान में यह दावा किया है कि नोशकी में नौ आतंकवादी मारे गए हैं, जबकि पाक सेना के चार जवान शहीद हुए हैं और पंजगुर में छह आतंकवादी मारे जा चुके हैं। उन्होंने आगे कहा,”पंजगुर में सुरक्षाबलों ने कम से कम चार या पांच आतंकवादियों की घेराबंदी कर ली है, जिन पर सेना क़ाबू पा लेगी।”

    पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान ने इस चरमपंथी हमले की कड़ी निंदा की है। उन्होंने अपने ट्वीट में पाकिस्तानियों को सेना के पीछे एकजुट खड़े रहने का सन्देश दिया है।

    इन हमलों की ज़िमेदारी बलूचिस्तान लिबरेशन आर्मी (BLA) ने ली है और एक ब्यान जारी कर यह जानकारी भी साझा की कि पंजगुर और नोशकी में ऑपरेशन जारी है, जिसमें उनके दो हमलावर मारे गए हैं।

    पाकिस्तान सेना के जनसंपर्क विभाग ने बुधवार रात को एक ब्यान जारी कर बताया, “पंजगुर में आतंकवादियों ने दो जगहों से एफ़सी कार्यालय (HQ Frontier Corps, Quetta ,Balouchistan)  में घुसने की कोशिश की, लेकिन समय पर कार्रवाई से उन्हें नाकाम कर दिया गया।”

    पाकिस्तान के गृह मंत्री शेख़ रशीद ने इस चरमपंथी हमलों की कड़ी निंदा करते हुए कहा,”पाकिस्तान के सुरक्षा बल किसी भी तरह के आतंकवाद का मुक़ाबला करने में पूरी तरह सक्षम हैं। आतंकवाद के ख़ात्मे के लिए सुरक्षा बलों के दृढ़ संकल्प और साहस को तोड़ा नहीं जा सकता और आतंकवादी अपने मक़सद में कभी सफल नहीं हो सकते।”

    ये हमलें तब हुए हैं जब प्रधान मंत्री इमरान खान शीतकालीन ओलंपिक के उद्घाटन के लिए कुछ ही घंटो में बीजिंग के लिए रवाना होने ही वाले थे।
    बलूचिस्तान के जातीय निवासी अलग राज्य के लिए सरकार से कई सालों से लड़ते आ रहे हैं। उनका कहना है कि केंद्र सरकार बलूचिस्तान के समृद्ध गैस और खनिज संसाधनों का गलत इस्तेमाल कर रही है।

    वैसे तो वें गैस परियोजनाओं, बुनियादी ढांचे और सुरक्षा बलों पर हमला करते आयें हैं पर अब वें चीनी परियोजनाओं पर भी हमला करते हैं, और कभी-कभी चीनी श्रमिकों को मार देते हैं। पिछले कई समय से पाकिस्तान यह आश्वासन देता रहा है कि वह परियोजनाओं की रक्षा के लिए वह सब कुछ कर रहा है जो वह कर सकता है परन्तु इन घटनाओं से पता चलता है कि यह आश्वासन भी कम पड़ गया है।

    गौरतलब है कि चीन 60 अरब डॉलर के चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारे(CHINA-PAKISTAN ECONOMIC CORRIDOR) के हिस्से के रूप में बलूचिस्तान प्रांत में ग्वादर बंदरगाह और अन्य परियोजनाओं के विकास में शामिल है, जो बीजिंग की बेल्ट एंड रोड पहल का हिस्सा है और यह बलोचिस्तान के जातीय लोगों को नागवार है ।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *