पाकिस्तान के विद्रोही बलूचिस्तान लिब्रेशन आर्मी की सैन्य इकाई मजीद ब्रिगेड ने रविवार को चीन को आगाह करते हुए एक अन्य वीडियो को सोशल मीडिया पर जारी किया था। इसमें राष्ट्रपति शी जिनपिंग और पाकिस्तान से बलूचिस्तान में जारी परियोजनाओं को तत्काल छोड़ देने की धमकी दी गयी थी।
बीएलए के कमांडर ने वीडियो में कहा कि “राष्ट्रपति शी जिनपिंग आपके समक्ष बलूचिस्तान से वापसी का अभी वक्त है। नहीं तो आप बलूचिस्तान के बेटो और बेटियों के तरफ से भयावह प्रतिकार का गवाह बनने के लिए तत्पर रहिये, जिसे आप कभी नहीं भूल सकेंगे।”
उन्होंने कहा कि “चीन तुम यहां बगैर हमारे सहमति के दुश्मनो का समर्थन करने लिए आये थे और तुमने हमारे गाँवो को उजाड़ने के लिए पाकिस्तान की सेना का साथ दिया है। लेकिन अब बारी हमारी है।” हाल ही में बीएलए के मजीद ब्रिगेड ने ग्वादर में चीनी आलिशान होटल पर हमला किया था और पाकिस्तानी कमांडो के साथ 26 घंटों तक जंग लड़ी थी।
11 मई को ग्वादर में स्थित रिहाइशी होटल में घातक हमले ने पाकिस्तान में चीनी परियोजना की सुरक्षा चिंताओं को बढ़ा दिया है। वीडियो में बीएलए के कमांडर के नजदीक भारी हथियारबंद व्यक्तियों ने चरमपंथी समूह की वर्दी पहन रखी थी। मजीद ब्रिगेड को खुद को कुर्बान करने वाला स्क्वाड भी कहते हैं।
उन्होंने कहा कि “बीएलए तुमसे कह रहा है कि बलोच सरजमीं पर तुम्हारी चीन-पाक आर्थिक गलियारा परियोजना बुरी तरह विफल साबित होगी।” कमांडर ने दावा किया कि मजीद ब्रिगेड में एक इकाई को सिर्फ बलोचिस्तान में चीनी अधिकारीयों और उनके ठिकानों पर हमला करने के लिए तैयार किया गया है।
पर्ल होटल में हमले के बाबत कमांडर ने कहा कि “हमारे इस हमले का मकसद चीन और पाकिस्तान का भारी नुकसान करना था। यह पाकिस्तान और चीन के लिए स्पष्ट और सरल सन्देश है कि वह तत्काल बलूचिस्तान से वापसी कर ले। चीन और पाकिस्तान को यह चेतावनी हमारे नेता असलम बलोच ने भी दी थी लेकिन चीन ने इस पर सावधानी नहीं बरती थी।”
उन्होंने कहा कि “हम एक बार फिर स्पष्ट करना चाहते हैं कि ग्वादर और शेष बलूचिस्तान हमारा क्षेत्र है। और अपनी सरजमीं व समंदर की रक्षा करने का दायित्व हमारा है। होटल पर्ल पर हमला हमारे अभियान ज़ीर पहजग का भाग था। यह अभियान जारी रहेगा जिससे बलूचिस्तान के समंदर को चीन, पाकिस्तान और अन्य विदेशी ताकतों से सुरक्षित रखा जायेगा।”
बीएलए के कमांडर ने कहा कि “चीन की विस्तारवाद मंसूबो के लिए बलूचिस्तान एक कब्रिस्तान होगा। जनरल असलम बलोच का अभियान जारी रहेगा।” मरहूम जनरल असलम बलोच बीएलए के नेता थे और मजीद ब्रिगेड के संस्थापक थे।