क्वेटा शहर में एक बलोच महिला ने बलूचिस्तान के दक्षिणी पश्चिमी प्रान्त से जबरन लापता करने के खिलाफ प्रदर्शन किया था। इस प्रदर्शन का नेतृत्व ‘वोइस फॉर बलोच मिसिंग पर्सन’ की मामा कादिर बलोच ने पाकिस्तानी ख़ुफ़िया विभाग पर एक बलोच राजनीतिक कार्यकर्ता और छात्र रशीद हुसैन को लापता करने का आरोप लगाया है।
रशीद को संयुक्त अरब अमीरात की ख़ुफ़िया पुलिस ने शारजाह से नवम्बर 2018 में गिरफ्तार किया था और इस वर्ष जून में पाकिस्तान के कानून प्रवर्तन विभाग के सुपुर्द कर दिया था। इसके बाद से ही रशीद को गोपनीय स्थान पर रखा गया है। रशीद की सुरक्षा और सेहत के बारे में उसके परिवार को कोई भी सूचना नहीं दी गयी है।
रशीद की बहन फरीदा बलोच ने कहा कि “पाकिस्तानी विभाग को दावा करते हुए तीन महीने से अधिक समय हो गया है कि रशीद को उनके हवाले कर दिया गया है लेकिन अभी तक उसे किसी भी अदालत या कानूनी प्रतिनिधि के समक्ष पेश नहीं किया गया है।”
उन्होंने कहा कि “हम सोच रहे थे कि कुछ दिनों की रिमांड के बाद उसे अदालत में पेश किया जायेगा लेकिन विभागों ने उसकी पेशी नहीं लगाई। हमें उसके बारे में कोई जानकारी नहीं है। हमारे ख्याल से एक व्यक्ति ऐसे गायब नहीं हो सकता है। अगर आपके पास उसके खिलाफ आरोप है तो उसे अदालत में पेश कीजिये।”
उन्होंने कहा कि “यह संयुक्त राष्ट्र मानव अधिकारों के नियमो के खिलाफ है और उसे निष्पक्ष और मुक्त सुनवायी मुहैया की जानी चाहिए।” अपहरण किये गए हजारो बलोच नागरिको को अवैध शिविरों में रखा गया है और उन्हें अभी तक रिहा नहीं किया गया है।
प्रदर्शनकारियों ने जोर देकर कहा कि लापता लोग अभी भी पाकिस्तानी सेना और ख़ुफ़िया विभाग के कैदखानो में गैरकानूनी उत्पीडन झेल रहे हैं। पाकिस्तान के राज्य संस्थान इन अमानवीय अपराधो के खिलाफ कार्रवाई में नाकाम साबित हुए हैं।