दिलीप कुमार को हिंदी सिनेमा का सबसे काबिल और प्रतिभाशाली अभिनेता कहा जाता है। उन्होंने 60 साल के लम्बे करियर में 90 से भी ज्यादा फिल्में की हैं। उनकी लोकप्रियता केवल भारत तक ही सीमित नहीं है, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर भी उनके हुनर का बोलबाला है। सिनेमाप्रेमी उन्हें ‘अभिनय का भगवान’ कहते हैं और कहते हैं कि आज तक उनके जैसा अभिनेता पैदा नहीं हुआ है।
ट्रेजेडी किंग नाम से जाने जाने वाले अभिनेता का जन्म 11 दिसम्बर, 1922 को हुआ था। उनका असली नाम मोहम्मद युसूफ खान है। उन्होंने 1944 में फिल्म ‘ज्वार भाटा‘ से सिनेमा की दुनिया में कदम रखा था और तबसे लेकर अबतक, बॉलीवुड की कई आइकोनिक और क्लासिक फिल्मो का हिस्सा रहे हैं। चूँकि आज अभिनेता अपना 97वा जन्मदिन मना रहे हैं, तो आइये नजर डालते हैं उनके कुछ यादगार किरदारों पर-
उन्होंने 1955 में फिल्म ‘आजाद‘ में अभिनय किया था। सृममुलू नायडू द्वारा निर्देशित फिल्म में दिलीप, मीना कुमारी, प्राण, राज मेहरा और अचला सचदेव ने काम किया था। फिल्म को दर्शको का बहुत प्यार मिला और दिलीप के अभिनय को सराहा गया था। इस फिल्म के लिए अभिनेता को फिल्मफेयर अवार्ड से भी नवाज़ा गया।
1955 में दिलीप की अन्य आइकोनिक फिल्म आई थी जिसका नाम था ‘देवदास‘। बिमल रॉय द्वारा निर्देशित फिल्म में दिलीप की जोड़ी सुचित्रा सेन और वैजंतीमाला के साथ बनी थी। फिल्म को अपार सफलता मिली थी और उस ज़माने में उसने 1.06 करोड़ रूपये की कमाई की थी।
15 अगस्त 1957 वाले दिन रिलीज़ हुई फिल्म ‘नया दौर‘ का निर्देशन बी आर चोपड़ा ने किया था। फिल्म में एक बार फिर उनकी जोड़ी वैजंतीमाला के साथ बनी थी और फिल्म का गीत ‘उड़े जब जब जुल्फें तेरी’ आज भी दर्शाकी की जुबां पर चढ़ा हुआ है।
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1958 में एक बार फिर दिलीप, बिमल रॉय और वैजंतीमाला ने फिल्म ‘मधुमती‘ से अपना जादू बिखेरा। फिल्म में प्राण, जॉनी वॉकर और जयंत ने भी अहम किरदार निभाया था। ये फिल्म पिछले जनम पर आधारित है जो आपके होश उड़ा देगी।
1960 में न केवल दिलीप की, बल्कि बॉलीवुड की भी सबसे बड़ी और ब्लॉकबस्टर फिल्म आई थी जिसका नाम है ‘मुग़ल-ए-आज़म‘। के आसिफ द्वारा निर्देशित फिल्म ने दिलीप और मधुबाला की जोड़ी को सदाबहार बना दिया था और इसे बॉलीवुड की सबसे प्रॉफिटेबल फिल्म कहा जाता है। फिल्म को दोबारा 2004 में कलर प्रिंट में रिलीज़ किया गया था।
दिलीप कुमार ने 1961 में फिल्म ‘गंगा जमुना‘ में वैजंतीमाला, नासिर खान और अरुणा ईरानी के साथ काम किया था। ये फिल्म खून के रिश्ते और मानवता के बीच की कड़ी परीक्षा दिखाती है। न केवल फिल्म की कहानी, बल्कि अभिनेताओं का प्रदर्शन भी खूब सराहा गया था।
1967 में पहली बार बॉलीवुड में किसी अभिनेता ने दोहरी भूमिका निभाई और वो कोई और नहीं बल्कि दिलीप कुमार थे। उन्होंने फिल्म ‘राम और श्याम‘ में जुड़वाँ भाई का किरदार निभाया था। फिल्म में वहीदा रहमान और मुमताज़ भी अहम किरदार में दिखाई दिए थे।
1982 में आई फिल्म ‘शक्ति‘ के साथ दिलीप ने बड़े परदे पर वापसी की थी। रमेश सिप्पी द्वारा निर्देशित फिल्म में अमिताभ बच्चन भी अहम किरदार में दिखाई दिए थे। उन्होंने फिल्म में दिलीप के बेटे का किरदार निभाया था।
1984 में दिलीप ने फिल्म ‘मशाल‘ में काम किया जिसका निर्देशन यश चोपड़ा ने किया था। फिल्म में अनिल कपूर, वहीदा रहमान, अमरीश पुरी और रति अग्निहोत्री भी नजर आये थे। फिल्म एक पत्रकार पर आधारित है जो अपने अख़बार से समाज की सच्चाई दिखाता है।
1986 में सुभाष घाई ने फिल्म ‘कर्मा‘ से ‘शोले’ का नया संस्करण बनाने की कोशिश की थी जिसमे दिलीप डॉक्टर डैंग के खिलाफ अपनी ही आर्मी का निर्माण किया था। फिल्म में अनिल कपूर, श्रीदेवी और जैकी श्रॉफ ने भी अभिनय किया था।
1991 में हिंदी सिनेमा के दो बड़े दिग्गज- दिलीप कुमार और राज कुमार फिल्म ‘सौदागर‘ में आमने सामने आये थे। सुभाष घाई की फिल्म में दोनों ने कड़े दुश्मन का किरदार निभाया था जिनके पोते-पोती को एक-दूसरे से प्यार हो जाता है। इस फिल्म ने दोनों सुपरस्टार ने साबित कर दिया था कि इतने सालों बाद भी दोनों का जादू ऐसे ही बरकारार है।
बॉलीवुड की शान दिलीप कुमार को जन्मदिन की शुभकामनाएं।