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    साल 2021 का आम बजट पेश हो चुका है। यह बजट मिडिल क्लास के लिए उम्मीदों से भरा हो सकता है। वहीं संसद में इस बजट के पेशी के दौरान विपक्ष ने काफी हंगामा भी किया, लेकिन इसी बीच निर्मला सीतारमण ने बजट पेश किया। पहली बार ऐसा हो रहा है कि बजट कागजों में ना होकर डिजिटल तरीके से पेश किया जा रहा है। बजट में पुराने समय से जो बहीखाता पेश करने के लिए प्रयोग किया जाता था अब उसकी जगह एक टैब ने ले ली है। हालांकि टैब को भी उसी लाल कलर के कवर में पेश किया गया है जिसका कवर में बहीखाता पेश हुआ करता था।

    इस बजट में शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन के लिए 18,000 करोड रुपए की घोषणा की गई है। उम्मीद की जा रही है कि इसके बाद आम परिवहन व्यवस्था में काफी सुधार हो सकता है। साथ ही इंश्योरेंस क्षेत्र में 74 फ़ीसदी तक विदेशी निवेश यानी एफडीआई को मंजूरी देने की बात की गई है। इसी के साथ केंद्र सरकार की महत्वपूर्ण परियोजना स्वच्छ भारत मिशन 2.0 को भी लागू करने की बात वित्त मंत्री ने कही है। इसके लिए भी 1,41,678 करोड़ रुपए के बजट का प्रावधान है। इसके अलावा सरकार विकास वित्तीय संस्थान बनाने के लिए 20,000 करोड रुपए के प्रावधान के साथ एक विधेयक भी पेश करने वाली है।

    बजट की बड़ी बात यह भी रही है कि रेलवे के लिए भी बहुत ही महत्वपूर्ण घोषणाएं हुई है। वित्त मंत्री ने कहा है कि दिसंबर 2023 तक ब्रॉडगेज रेल पटरियों का विद्युतीकरण हो जाएगा। वित्त मंत्री का कहना है कि यह बजट ऐसी अर्थव्यवस्था के बीच पेश हो रहा है जब देश के के विकास की रफ्तार काफी धीमी है और जीडीपी को भी बहुत नुकसान हुआ है। लेकिन ऐसा सिर्फ अपने ही देश में नहीं हुआ है, पूरी दुनिया संकट का सामना कर रही है।

    2021 एक ऐतिहासिक साल हो सकता है ऐसा वित्त मंत्री का कहना है। वित्त मंत्री ने सुबह 11:00 बजे यह बजट पेश किया, साथ ही बजट की शुरुआत में ही वित्त मंत्री ने कोरोना महामारी से निपटने के लिए आत्मनिर्भर भारत पैकेज के तहत 27.1 लाख करोड़ रुपए के बजट की घोषणा कर दी है। निर्मला सीतारमण ने कोविड वैक्सीन के लिए 35,000 करोड रुपए देने की घोषणा की है। इसके अलावा और भी कई स्वास्थ्य सेवाओं पर फोकस रहने की बात की गई है।

    बजट के बीच बड़ी बात यह रही है निर्मला सीतारमण ने बजट की शुरुआत में ही किसानों का नाम लिया और इसी के बाद हंगामा शुरू हो गया। सीतारमन ने कहा कि यह बजट किसानों के लिए समर्पित है और इसी बात के बाद विपक्ष ने सदन में हंगामा करना शुरू कर दिया और इसी हंगामे के बीच बजट पेश हुआ।

    इस बजट को पेश होने में काफी मुश्किलें रही। हालांकि कृषि कानूनों पर हो रहे विवाद के बीच भी यह देखना जरूर दिलचस्प था कि सरकार कृषि क्षेत्र को क्या सौगात देती है। सरकार ने कृषि विकास के लिए 1.72 लाख करोड़ रुपए के बजट का ऐलान किया है। वहीं अभी उम्मीद जताई जा रही है कि किसानों को उनकी लागत से डेढ़ गुना ज्यादा एमएसपी दिया जाएगा और किसानों की उपज को खरीदने पर सरकार ज्यादा जोर देगी।

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