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    पियूष गोयल बजट 2019

    फाइनेंसियल एक्सप्रेस द्वारा हाल ही में पेश की गयी एक रिपोर्ट के अनुसार मोदी सरकार 1 फरवरी को अपने कार्यकाल का आखिरी बजट पेश करने जा रही है। इसमें वह छोटे और सीमान्त किसानो के लिए 12,000 तक की वार्षिक धन राशी आवंटित करने की घोषण कर सकती है।

    स्कीम के अनुमानित अनंकड़े :

    भारत में लगभग 12 करोड़ छोटे और सीमांत किसान परिवार हैं। यदि मोदी सरकार ऐसी स्कीम की सच में घोषणा करती है तो इस योजना की लागत 1.44 लाख करोड़ रुपये जोकि वित्तवर्ष 2019 के लिए अनुमानित जीडीपी का 0.76 प्रतिशत होगा। इस स्कीम का ओडिशा की कालिया योजना के समान सभी पहचान किए गए लाभार्थियों को एक फ्लैट नकद हस्तांतरण के समान होने की ज्यादा संभावनाएं हैं रयथु बंधु योजना की तरह प्रति एकड़ के आधार पर नहीं।

    सरकार ये योजनाएं भी कर सकती है लागू :

    वार्षिक धनराशी देने के अलावा सरकार किसानों के लिए कुछ दूसरी स्कीम भी लागु करने की घोषणा कर सकती है। इन योजनाओं में प्रधानमंत्री फसल बिमा योजना शामिल है। इस योजना के अंतर्गत किसानों को बकाया कर्ज नहीं चुकाने होते हैं। यदि सरकार इस्चेमे को लागू करती है इसमें अनुमानित आगत 5000 से 6000 करोड़ तक आएगी।

    HSBC ग्लोबल रिसर्च का बयान :

    हाल ही में HSBC वैश्विक शोध संस्था द्वारा पेश की गयी रिपोर्ट में बयान दिया गया था की मोदी सरकार द्वारा किसानो को नकद राशी के रूप में ही समर्थन देने की सबसे ज्यादा संभावनाएं हैं।

    अनुमान बताते हैं कि यदि सरकार देश भर में इसी तरह की प्रत्यक्ष नकद हस्तांतरण योजना लागू करती है, तो वित्त वर्ष 2020 में जीडीपी का लगभग 2 लाख करोड़ रुपये खर्च हो सकता है। हालाँकि, यह कुछ पहले से चल रही योजनाओं को ख़त्म कर देगा और इसके लिए केंद्र को राज्यों से भी समर्थन मिलेगा जिससे केंद्र का वित्तीय बोझ कम होगा। 

    विभिन्न क्षेत्रों की बजट से अपेक्षाएं :

    किसानों के अलावा दुसरे क्षेत्र भी आने वाले बजट से तरह तरह की आशा लगाए बैठे हैं। शिक्षा क्षेत्र के कुछ लोग जहां बजट से ज्यादा आवंटन की आशा कर रहे हैं वहीँ कुछ लोगों का मानना है की अकेले अधिक आवंटन से ही शिक्षा क्षेत्र में सुधार नहीं हो पायेगा। सुधार के लिए शिक्षा क्षेत्र में प्रैक्टिकल नॉलेज देना बहुत अधिक ज़रूरी है तभी युवाओं में व्यवहारिक विकास होगा एवं वे कार्य में अधिक कुशल होंगे।

    इसके साथ कुछ लोगों की राय है की यदि कोई संस्था ग्रामीण इलाकों या पिछड़े इलाकों में शैक्षिक संस्थान खोल रही है तो सरकार को उसे प्रोत्साहन के रूप में कुछ राशि और सेवाएं उपलब्ध करने चाहियें ताकि वह अपने ध्येय को पूरा कर सके और उसके साथ साथ देश की जनता की भी भलाई हो सके।

    यह उल्लेखनीय है की बजट रेलवे मंत्री पियूष गोयल द्वारा शुक्रवार 1 फरवरी 2019 को घोषित किया जाएगा।

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

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