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    सरकारी समिति ने सीरम इंस्‍टीट्यूट को 2-17 वर्ष की आयु के बच्चों पर कोवोवैक्स वैक्सीन के दूसरे और तीसरे चरण के परीक्षण की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है। सीरम इंस्टीट्यूट ने ड्रग्स कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया से बच्‍चों पर कोवोवैक्स का परीक्षण करने की अनुमति मांगी थी। कुछ जानकारों की मानें तो कोरोना महामारी की तीसरी लहर भारत में सबसे ज्‍यादा बच्‍चों को प्रभावित कर सकती है। ऐसे में बच्‍चों के लिए कोरोना वैक्‍सीन पर तेजी से काम चल रहा है। सूत्र की मानें तो सरकारी पैनल ने सीरम इंस्टीट्यूट ऑफ इंडिया से कोवावैक्स (2-17 आयुवर्ग के लिए बनाई गई कोविड-19 वैक्सीन) का परीक्षण पहले वयस्कों पर पूरा करने को कहा है।

    सूत्रों के मुताबिक, सरकारी समिति ने सीरम इंस्टीट्यूट को 2-17 आयु वर्ग के बच्चों पर कोवोवैक्स टीके के दूसरे या तीसरे चरण के क्लीनिकल ट्रायल करने की अनुमति देने के खिलाफ सिफारिश की है। हालांकि, इस सिफारिश को माना जाएगा या नहीं ये कहना अभी मुश्किल है। ऐसा भी हो सकता है कि सरकारी समिति की आपत्तियों को दूर करने के लिए सीरम संस्‍थान को कहा जाए।

    अगस्त 2020 में, नोवावैक्स और एसआईआई ने एक समझौते की घोषणा की थी जिसके तहत अमेरिकी जैव प्रौद्योगिकी कंपनी ने एसआईआई को निम्न और मध्यम आय वाले देशों में वैक्सीन के निर्माण और आपूर्ति का लाइसेंस दिया था। मार्च 2021 में सीईओ पूनावाला ने कहा कि कोवोवैक्स को इस साल सितंबर तक लॉन्च किया जाएगा।

    हैदराबाद स्थित भारत बायोटेक के पास भी दो टीके हैं, जिन्हें बच्चों पर आजमाया जा रहा है, कोवैक्सिन और बीबीवी154, एक शॉट वाला नाक वाला टीका है। जायडज ने भी 12-18 वर्ष की आयु के बच्चों पर टेस्ट शुरू कर दिया है।

    कोरोना महामारी की तीसरी लहर की आहट के बीच खुशखबरी है। 12-18 साल के बच्चों को जायडस कैडिला का टीका अगस्त से लगाया जा सकेगा। इसका परीक्षण जुलाई के आखिर तक समाप्त हो जाएगा।

    इससे पहले दिल्ली एम्स में बच्चों पर कोरोना वैक्सीन ट्रायल के तहत दो से छह साल के बच्चों पर वैक्सीन का ट्रायल शुरू किया गया है। इससे पहले 12 से 18 और 6 से 12 साल के बच्चों को कोवाक्सिन की डोज दी जा चुकी है और इन दोनों आयुवर्ग का ट्रायल पूरा हो चुका है। दो से छह साल के बीच के बच्चों को परीक्षण में शामिल किया गया है। पहले दिन कुछ बच्चों को खुराक दी गई है। जिन बच्चों को वैक्सीन लगाई गई है। वह पूरी तरह से स्वस्थ हैं। डॉक्टरों की एक टीम लगातार उनकी निगरानी कर रही है।

    टीका लगाने से पहले इनकी स्क्रीनिंग की गई थी। जांच रिपोर्ट आने के बाद ही वैक्सीन लगाई गई है। इस महीने की शुरुआत में 12 से 18 साल के बच्चों को पहली डोज लगी थी, उन्हें इस माह दूसरी डोज लगाई जाएगी।

    By आदित्य सिंह

    दिल्ली विश्वविद्यालय से इतिहास का छात्र। खासतौर पर इतिहास, साहित्य और राजनीति में रुचि।

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