सर्वोच्च न्यायालय ने कलकत्ता उच्च न्यायालय की खंडपीठ के भाजपा की रथयात्रा पर आदेश के खिलाफ भाजपा की याचिका की तत्काल सुनवाई के लिए मना कर दिया। अदालत की रजिस्ट्री ने भाजपा से जुड़े वकील को सूचित किया कि उनके मामले को सामान्य प्रक्रिया में सूचीबद्ध किया जाएगा। रथ यात्रा को इस महीने की शुरुआत में पार्टी प्रमुख अमित शाह द्वारा हरी झंडी दिखाकर रवाना किया जाना था।
गौरतलब है कि कलकत्ता हाई कोर्ट की सिंगल बेंच ने भाजपा की रथयात्रा को मंजूरी दे दी थी लेकिन इस फैसले के खिलाफ पश्चिम बंगाल सरकार ने डबल बेंच में अपील कर दी। डबल बेंच ने सिंगल बेंच के आदेश पर रोक लगते हुए फिर से विचार करने के लिए सिंगल बेंच के पास वापस भेज दिया।
हाई कोर्ट के फैसले के खिलाफ भाजपा सुप्रीम कोर्ट चली गई और मामले पर जल्द सुनवाई करने की अपील की इसे सुप्रीम कोर्ट ने ठुकरा दिया।
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भाजपा ने राज्य में तीन “लोकतंत्र बचाओ” रथयात्रा की योजना बनाई है: एक रथयात्रा राज्य के उत्तरी हिस्से में कूच बिहार से, एक दक्षिणी भाग में काकद्वीप से और एक और बीरभूम जिले के तारापीथ मंदिर से शुरू होगी जो कलकत्ता में आ कर एक साथ मिल जायेगी और फिर वहां भाजपा के बड़े नेता बड़ी रैली को संबोधित करेंगे।
भाजपा की ये रथयात्रा राज्य के सभी 42 लोकसभा सीटों से हो कर गुजरेगी। पार्टी ने इस बार राज्य की 42 में से 22 सीटें जीतने का लक्ष्य रखा है।
42 लोकसभा सीटों वाले राज्य पश्चिम बंगाल में 22 सीटें जीतने के भाजपा अध्यक्ष अमित शाह के प्लान और दावे को खारिज करते हुए सत्ताधारी पार्टी तृणमूल कांग्रेस ने कहा था कि भाजपा को पश्चिम बंगाल में रसोगुल्ला जैसी शून्य सीटें मिलेगी।
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