बंगाली फिल्मों के सुपरस्टार प्रोसेनजीत चटर्जी का मानना है कि भारतीय फिल्म उद्योग में बदलाव की हवा चल रही है, जहां अब विषय वस्तु ही प्रधान रूप से उभरकर सामने आ रहा है और अब सिनेमा में सफल होने के लिए खूबसूरत चेहरे का होना ही पर्याप्त नहीं है।
यहां चल रहे 50वें भारतीय अंतर्राष्ट्रीय फिल्मोत्सव (आईएफएफआई) से इतर बातचीत के दौरान प्रोसेनजीत ने कहा, “विषय वस्तु धीरे-धीरे मुख्य क्षेत्र बनता जा रहा है। इस तरह की फिल्में भी बॉक्स ऑफिस पर अच्छा प्रदर्शन कर रही हैं। मुझे इस बात की खुशी है कि नवाजुद्दीन (सिद्दीकी) एक स्टार हैं..अब सिर्फ चेहरा ही मायने नहीं रखता है, बल्कि एक परफॉर्मर भी बनना होगा।”
फिल्म निर्माण की उभरती तकनीक और किस तरह से वह एक अभिनेता के रूप में इन तकनीकों के साथ सामंजस्य स्थापित करते हैं, इस बारे में अपनी राय जाहिर करते हुए उन्होंने कहा, “तकनीक सिनेमा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।
एक बेहतर अभिनेता होने के नाते, मुझे लगता है कि आपको कैमरा, डबिंग इत्यादि को जानने की आवश्यकता है। मैं एडिटिंग टेबल पर बैठा करता था, ताकि मैं यह देख सकूं कि मुझसे कहां गलती हुई है, क्योंकि संपादन के बाद तो स्क्रीन पर केवल बेहतर भाग ही जाता है।”