बांग्लादेश की एक प्रमुख नदी ने तटबंध को तोड़ दिया था और इससे उत्तरी जिले में बाढ़ आ गयी और हजारो लोगो को अपने घरो से विस्थापित होना पड़ा है। मानसून की बारिश से बाढ़ से ग्रसित दो राज्यों में मृत्यु का आंकड़ा 97 को पार गया है। भारत के उत्तरी राज्य बिहार और असम में लाखो लोग शिविरों और बस्तियों में रह रहे हैं।
बीते हफ्ते से भारी बारिश के कारण जानवरी को भी लोगो के घरो में रहना पड़ रहा है। मानसून दक्षिण एशिया में जून से अक्टूबर तक भारी बारिश लाता है और इस मौसम में बाढ़ का खतरा रहता है। सरकार की प्रवक्ता रुकसाना बेगम ने बताया कि बांग्लादेश में बुधवार को जमुना नदी ने तटबंध को तोड़ दिया था और इसकी चपेट में 40 लोग आये थे और दो लाख से अधिक लोग विस्थापित हुए हैं।
गैबंधा जिले के एक अह्दिकारी ने बताया कि “हमारे पास सूखे भोजन और पीने के पानी की पर्याप्त सप्लाई है लेकिन कई इलाकों में उच्च जलस्तर के कारण हम वहां नहीं पंहुच सकते हैं।” असम में अपर्याप्त खाद्य सप्लाई चिंता का विषय है, यहा से करीब 58 लाख लोग अपने घरो को छोड़ने पर मजबूर हुए हैं लेकिन हालात अब सुधर रहे हैं।
असं की स्वास्थ्य और वित्त मंत्री हिमानता बिस्वा सर्मा ने कहा कि “बुधवार की रात से कोई नया इलाका बाढ़ की चपेट में नहीं आया है।” राज्य का काजीरंगा पार्क भी बाढ़ से सैलाब से डूबा हुआ है, जानवरों को ऊँचे इलाको में भेज दिया गया है और कुछ गाँवों में रह रहे हैं।
इस बाढ़ के कारण 43 जानवरों की मौत हुई है लेकिन विभागों को चिंता है कि शिकारी इसका फायदा उठाकत जानवरों को निशाना बनायेंगे। असम के वन मंत्री परिमल सुक्लाबैद्य ने कहा कि “बाढ़ के दौरान सबसे बड़ी चिंता शिकारी है, जो सींगो के लिए जानवरों की हत्या कर सकते हैं।
बिहार में मृतकों का आंकड़ा 67 को पार कर दिया है, राज्य में बाढ़ पड़ोसी मुल्क नेपाल से आई थी। राज्य के आपदा प्रबंधन अधिकारी ने बताया कि “मुझे लगता है कि इसमें मृतकों की संख्या में वृद्धि हो सकती है।”