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    बाढ़ से प्रभावित इलाके

    रायटर्स के मुताबिक, बंगलादेश में बारिश से कम से कम चार नदियों के तटबंधो को तोड़ दिया है, दर्जनों गाँव डूब गए थे और दोगुनी संख्या में लोगो ने अपने घरो को छोड़ दिया है हालिया वर्षो में 400000 लोगो ने अपने घरो को छोड़ दिया था। अधिकारी ने बताया कि भारी बारिश और नदियों के अधिक बहने से उत्तरी और उत्तरी पश्चिमी बांग्लादेश से 23 जिले बह गए थे।

    बीते हफ्ते को बाढ़ की शुरुआत में करीब 30 लोगो की मौत हो गयी थी। बाढ़ से प्रभावित बोगरा जिले के एक अधिकारी रेहाना इस्लाम ने रायटर्स ने कहा कि “सरकार ने 1000 से अधिक अस्थायी शिविरों को खोला है लेकिन गहरे पानी और संपर्क की कमी के कारण, कई लोग यहाँ तक पंहुचने में असक्षम है।” इस्लाम ने कहा कि कई संख्या में लोगो ने तटबंधो, रेलवे लाइन और राज्य मार्गो पर शिविरों को लगाया है, ट्रैफिक जस के तस है।

    फसल की चिंता के आलावा विभागों ने चिंता व्यक्त की है “बाढ़ के पानी में वृद्धि कई जिंदगियों को प्रभावित कर सकती है।” दक्षिण एशिया में जून से अक्टूबर तक मानसून बारिश लेकर आता है और इससे इस मौसम में बाढ़ आने का खतरा होता हिया लेकिन बांग्लादेश में बाढ़ आना असामान्य है।

    बांग्लादेश वाटर डेवलपमेंट बोर्ड के एग्जीक्यूटिव इंजिनियर अरिफुल इस्लाम ने कहा कि “अन्य वर्षों से अलग इस वर्ष बाढ़ की उग्रता काफी भयानक है।” बाढ़ ने ब्रह्मपुत्र नदी के तीन तटबंधो को तोड़ तोड़कर भारत के उत्तरी पूर्वी राज्यों में प्रवेश कर गयी है। कई दर्ज़नो गाँवों के व्यापक इलाको में जल का स्तर काफी बढ़ गया है।”

    भारतीय राज्य असम में ब्रह्मपुत्र से बाढ़ के कारण 58 लाख लोग विस्थापित हुए हैं लेकिन पानी के स्तर के कम होने से हालातो में काफी सुधार आया है। असम जल संसाधन मंत्री केशब महानता ने बताया कि “कई लोग अपने घरो को वापस जा रहे हैं, जबकि करीब 70 प्रतिशत अभी भी राहत शिविरों में रह रहे हैं।” उत्तरी राज्य बिहार में भी बाढ़ का पानी घुस गया है, जहां इससे 78 लोगो की मौत हो गयी है।

    बिहार के बाढ़ प्रभावित जिले सीतामढ़ी में इमरजेंसी अधिकारी मनीष कुमार ने कहा कि “हम बिमारियों को फैलने से रोकने के लिए सभी कदम उठा रहे हैं।” भारी बारिश के कारण श्रीलंका में दो लोगो की मौत हो गयी है और पांच अभी भी लापता है। सिअक्दो लोग मज़्बिओरन अपने घरो को छोड़कर भाग गए हैं।

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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