बांग्लादेश की कैद में 12 वर्ष गुजारने के बाद भारतीय नागरिक सतीश चौधरी को गुरूवार को कैद से रिहा कर दिया गया है। चौधरी के बाबत सूचना को बांग्लादेश की सरकार ने भारत के उच्चायुक्त के साथ साझा किया था। अधिकारियो के मुताबिक, बॉर्डर गार्ड बांग्लादेश द्वारा भारतीय नागरिक को भारतीय सशस्त्र बल के सुपुर्द कर दिया गया है।
सूचना मिलने के बाद चौधरी के भाई मुकेश उसे वापस लाने के लिए बांग्लादेश के लिए निकल गए हैं। परिवार के सदस्यों के अनुसार चौधरी मानसिक तौर से अक्षम है और 12 अप्रैल 2008 को पटना बिहार के गाँधी मैदान से गायब हो गया था। साल 2012 में बांग्लादेश रेड क्रोस सोसाइटी से उनकी बहन को एक खत आया था।
इसमें बताया था कि चौधरी को ढाका के लखीमपुर जिले के जेल में कैद किया है। चौधरी की मां कला देवी ने कहा कि “हमने जुलाई 2012 में जनता दरबार में मुख्यमंत्री नितीश कुमार से भी मुलाकात की थी और इस मामले की तरफ कई जिला प्रशासन के अधिकारीयों को देखने के लिए मुलाकात की थी।
उन्होंने कहा कि “हमने विदेश मंत्रालय को मदद के लिए एक पत्र लिखा था। हालाँकि सरकार की तरफ से कोई सकरात्मक प्रतिक्रिया नहीं आई थी। कल पूरा गांव खुश था कि मुकेश चौधरी को वापस लाने के लिए बांग्लादेश गया है और उसे जेल से रिहा कर दिया गया है।”
उनके परिवार ने कहा कि “10 सितम्बर को हमें कॉल आया था कि चौधरी को 12 सितम्बर को रिहा कर दिया जायेगा और किसी को उसे लेने बांग्लादेश आना होगा।” चौधरी के बेटे ने कहा कि “मैंने अपने बचपन में अपने पापा को देखा था। मुझे अच्छे से उनका चेहरा भी याद नहीं है। जब वह वापस आयेंगे तो हम खुश है कि वह हमारे साथ काम कर सकते हैं।”