केरल में भारत का सबसे बड़े सौर ऊर्जा संयंत्र सोमवार से चालू हो जाएगा। केरल के वायनाड के बनसुरा सागर बांध स्थित इस सौर ऊर्जा संयंत्र का उद्घाटन आज सायं तीन राज्य विद्युत मंत्री एम एम मणि करेंगे। केरल राज्य विद्युत बोर्ड की ओर जारी प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, 500 किलोवाट क्षमता वाला यह सौर ऊर्जा संयंत्र पानी की सतह पर तैरता है।
यह देश का सबसे बड़ा अस्थायी सौर ऊर्जा संयंत्र है। इस संयंत्र में 260 वॉट क्षमता वाले कुल 1938 सौर पैनल लगे हैं। इस पूरे सोलर पैनल में 500 किलो वोल्ट एम्पीयर का एक ट्रांसफार्मर और 17 इनवर्टर लगे हुए हैं। केरल के तिरुवनंतपुरम स्थित यह विशाल सौर ऊर्जा संयंत्र एक साल में करीब सात लाख यूनिट बिजली का उत्पादन करेगा।
आप को बता दें कि एक निजी फर्म ने दो साल तक बिनी किसी खर्च के इस संयत्र के रखरखाव करने की पेशकश की है। इस पूरी परियोजना की कुल लागत 9.25 करोड़ रूपए है। इस संयत्र से 11 केवी लाइन के जरिए बिजली प्रेषित की जाएगी। बोर्ड डैम के शीर्ष पर 500 किलोवाट क्षमता वाली दो पवन चक्कियां लगाने पर विचार कर रहा है। संयंत्र के लिए इस प्रस्तावित परियोजना की विस्तृत रिपोर्ट तैयार की जा रही है।
सौर ऊर्जा बढ़ावे पर कोशिश
केरल के इस सौर ऊर्जा संयंत्र से भारत में सौर ऊर्जा को बढ़ावा देने पर कोशिश की जा रही है। मामले से जुड़े एक अधिकारी ने बताया, “इस पानी पर तैरने वाले सौर उर्जा संयंत्र की क्षमता 500 किलो वाट की है। यह भारत का सबसे बड़ा सौर उर्जा संयंत्र है।”
उन्होंने आगे बताया, “इस संयंत्र की ख़ास बात यह है कि पानी के विभिन्न स्तर पर भी इसमें बिजली का उत्पादन किया जा सकता है।”
भारत में पिछले काफी समय से वायु प्रदुषण पर काबू पाने पर कोशिश की जा रही है। देश में बिजली से चलने वाले वाहनों के साथ साथ सौर उर्जा पर भी काफी महत्व दिया जा रहा है। देश के अन्य भागों में भी सौर उर्जा संयंत्र लगाने की सरकार कोशिश कर रही है।