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    एग्रीमेंट के मुताबिक देने होंगे फ्लैट

    स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिडरैसल कमीशन ने अपने एक फैसले में यह आदेश दिया है कि यदि कोई भी रियल एस्टेट कंपनी अपने उपभोक्ता को निश्चित तय सीमा के अंदर फ्लैट नहीं देती है तो उसे संबंधित उपभोक्ता ​को राजस्व नुकसान की भरपाई करनी होगी।

    आपको जानकारी के लिए बता दें कि चंडीगढ़ में कुछ ऐसा ही मामला सामने आया है। दरअसल स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिडरैसल कमीशन ने रियल एस्टेट कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के खिलाफ कुल डेढ़ लाख रुपए का जुर्माना लगाया है।

    कमीशन ने यह जुर्माना इसलिए लगाया है कि अंसल रियल एस्टेट कंपनी ने अपने उपभोक्ता को तय सीमा के भीतर फ्लैट उपलब्ध नहीं करवाया लिहाजा इस कस्टमर को 35 हजार रुपए प्रति महीने किराए के मकान में रहना पड़ा।

    गौरतलब है कि चंडीगढ़ के सेक्टर—37 निवासी सरबदीप सिंह तथा उनकी पत्नी नवज्योति सिंह ने रियल एस्टेट कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड के सेक्टर—116 मोहाली स्थित प्रोजेक्ट के तहत एक फ्लैट बुक कराने के लिए पचास हजार रुपए का बुकिंग अमाउंट जमा कराया था।

    उपभोक्ता के साथ हुए समझौते के मुताबिक रियल एस्टेट कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड को 36 महीने के अंदर फ्लैट देना था।  उपभोक्ता सरबदीप और उनकी पत्नी नवज्योति सिंह ने अपना फ्लैट बुक कराने के लिए पचास हजार रूपए बुकिंग अमाउंट तथा पांच लाख 92 हजार 462 रुपए की एक बड़ी राशि भी कंपनी को जमा करवाई थी।

    सबसे बड़ी बात कि सरबदीप और उनकी पत्नी नवज्यो​ति सिंह ने बैंक से 34 लाख रूपए का लोन भी ले लिया था। बावजूद इसकेे रियल स्टेट कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने अपने उपभोक्ता को एग्रीमेंट के मुताबिक फ्लैट उपलब्ध नहीं करवाया। लिहाजा उपभोक्ता को 35 हजार रूपए प्रति माह के किराए वाले मकान में रहना पड़ा।

    रियल एस्टेट कंपनी की धोखाधड़ी से परेशान होकर उपभोक्ता सरबदीप सिंह और उनकी पत्नी नवज्योति सिंह ने स्टेट कंज्यूमर डिस्प्यूट्स रिडरैसल कमीशन में शिकायत दर्ज करा दी। पूरे मामले की जांच के दौरान फोरम को जानकारी प्राप्त हुई कि रियल स्टेट कंपनी अंसल प्रॉपर्टीज एंड इन्फ्रास्ट्रक्चर लिमिटेड ने एग्रीमेंट के मुताबिक तय सीमा के भीतर उपभोक्ता को फ्लैट उपलब्ध नहीं कराया।

    ऐसे में फोरम ने इस रियल एस्टेट कंपनी से 40 लाख 83 हजार 462 रुपए तत्काल लौटाने को कहा,सा​थ ही डेढ़ लाख रूपए का जुर्माना भी लगा दिया। यही नहीं फोरम ने रियल स्टेट कंपनी से करीब 33 हजार रूपए मुकदमा खर्च उपभोक्ता को देने का आदेश दिया है।