Mon. Dec 23rd, 2024
    फ्लिपकार्ट के मालिक बिन्नी बंसल

    पिछले महीने फ्लिपकार्ट के सह संस्थापक बिन्नी बंसल ने फ्लिप्कार्ट से इस्तीफा दे दिया था। इसके बाद उन्होंने हाल ही में उन्होंने वालमार्ट से अपने हिस्से की राशि को बाहर निकालने के बारे में बातचीत की है एवं उन्हें कुल राशि में से 100 मिलियन डॉलर की मांग की है।

    बिन्नी का फ्लिकार्ट में कुल शेयर :

    वालमार्ट डील के बाद बिन्नी बंसल के पास फ्लिप्कार्ट की 4 – 4.5 प्रतिशत की हिस्सेदारी बाख गयी थी। इसमें से बिन्नी बंसल आधी हिस्सेदारी के समान पैसे लेना चाहते थे जोकि कुल 850 मिलियन थे इनमे से बिन्नी बंसल ने तत्काल 100 मिलियन डॉलर की मांग की है। अधिकारियों ने बताया की बाकी बची राशि उन्हें अगस्त 2020 तक दी जायेगी। अगस्त 2020 में आधी हिस्सेदारी का भुगतान होने के बाद बिन्नी बचे हुए शेयर्स को फ्लिपकार्ट में ही रखेंगे।

    बिन्नी बंसल का इस्तीफा एवं कारण

    पिछले महीने, बंसल ने फ्लिपकार्ट के चेयरमैन और समूह के मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) के पद से अचानक इस्तीफा दे दिया था। इसका मुख्या कारण उनपर लगा “गंभीर व्यक्तिगत दुर्व्यवहार” के आरोप को माना जा रहा है। लेकिन आंतरिक जांच के बाद  जांच को आरोपों का समर्थन करने के लिए कोई सबूत नहीं मिला। इससे आहत होकर बिन्नी बंसल ने फ्लिपकार्ट में अपने पद से इस्तीफा दे दिया था।

    पिछले हफ्ते एक साक्षात्कार में, फ्लिपकार्ट के वर्तमान सीईओ कल्याण कृष्णमूर्ति ने बिन्नी बंसल के इस्तीफे एवं वॉलमार्ट द्वारा मामले को संभालने के तरीके पर टिप्पणी करने से इंकार कर दिया। वॉलमार्ट ने भी नवंबर में जारी किए गए बयान से ज्यादा इस मामले को विस्तारित करने से इंकार कर दिया है।

    नए स्टार्टअप में लगायेंगे यह पूँजी

    हाल ही की रिपोर्ट्स के अनुसार, फ्लिप्कार्ट के सह संस्थापक एवं पूर्व कार्यकारी बिन्नी बंसल एवं मैकिंसे के पूर्व सलाहकार कृष्णामूर्ति साथ मिलकर जल्द ही एक नया स्टार्टअप लांच कर सकते हैं। इस स्टार्टअप को xto10x Technologies नाम दिया गया है एवं इसमें लागत बंसल एवं कल्याण कृष्णामूर्ति ने लगाई है।

    इसके अलावा बिन्नी बंसल ने कई स्टार्टअप जैसे SigTuple, Roposo और Ether एनर्जी समेत 20 अधिक स्टार्टअप में उनके पास पहले से ही निवेश है

    By विकास सिंह

    विकास नें वाणिज्य में स्नातक किया है और उन्हें भाषा और खेल-कूद में काफी शौक है. दा इंडियन वायर के लिए विकास हिंदी व्याकरण एवं अन्य भाषाओं के बारे में लिख रहे हैं.

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *