फ्लिपकार्ट समर्थित पेमेंट ऐप फोन पे अगले साल तक करीब 1 अरब अमेरिकी डॉलर का निवेश जुटाना चाहता है। फोन पे को फिलहाल बाज़ार में पेटीएम से मात मिल रही है जो डिजिटल पेमेंट के मामले में इस वक़्त देश में राज़ कर रहा है।
वॉलमार्ट-फ्लिपकार्ट डील के साथ ही वॉलमार्ट ने फ़ोन पे पर 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने का वादा किया था, जिसकी पहली क़िस्त जो की 15 करोड़ की है, फ़ोन पे को मिल भी चुकी है। फोन पे के अधिकारियों के अनुसार अब फोन पे किसी भी तरह का बाहरी निवेश नहीं ढूंढ रही है।
हाल ही में वॉलमार्ट ने फ्लिपकार्ट का 77% हिस्सा 16 अरब अमेरिकी डॉलर में खरीद लिया था। जिसके बाद फ्लिपकार्ट को एक साथ बड़ा निवेश मिल गया था। इसी डील के तहत फ्लिपकार्ट की डिजिटल पेमेंट सर्विस फोन पे पर भी वॉलमार्ट ने 50 करोड़ अमेरिकी डॉलर का निवेश करने वादा किया था, जिसकी पहली किस्त के रूप में फोन पे को 15 करोड़ अमेरिकी डॉलर की राशि प्राप्त हो गयी है।
इसी को आगे बढ़ाते हुए फोन पे अब बाहरी निवेश के रूप में 1 अरब अमेरिकी डॉलर का लक्ष बना कर बैठा है। फ्लिपकार्ट वॉलमार्ट के साथ हुई डील से पहले चाहती थी कि गूगल उसमें निवेश करे लेकिन गूगल अगले कुछ वक़्त में भारत में अपना अलग ई-कॉमर्स व्यवसाय शुरू करना चाहता है।
फ्लिपकार्ट को फिलहाल पर्याप्त मात्रा में निवेश राशि मिल चुकी है और यही वजह है कि फ्लिपकार्ट अब सिर्फ अपने व्यवसाय को फैलाने पर गौर कर रहा है। उसके सामने अभी अमेज़न की चुनौती है क्योंकि अब निवेश के मामले में दोनों ही कंपनियां बराबरी पर आ चुकी हैं।
सूत्रों के अनुसार फ्लिपकार्ट अगले डेढ़ साल में अपने विस्तार के लिहाज से करीब 2 अरब डॉलर खर्च करेगा। इतनी बड़ी मात्रा में खर्ची रकम अब फ्लिपकार्ट को भारतीय ई-कॉमर्स के कुल कारोबार में अपना प्रतिशत बढ़ाने में मदद करेगी।