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    फ्लिपकार्ट अमेज़न वॉलमार्ट

    भारतीय ई वाणिज्य यानी ई कॉमर्स जगत में फ्लिपकार्ट को लेकर कड़ी बहस चल रही है। लेकिन इस बार बहस फ्लिपकार्ट और अमेज़न के बीच नहीं, बल्कि अमेज़न और वालमार्ट के बीच चल रही है।

    रायटर्स की रिपोर्ट के मुताबिक अमेरिकी कंपनी वालमार्ट भारतीय ई-वाणिज्य कंपनी फ्लिपकार्ट का एक बड़ा हिस्सा खरीदने की कोशिश में है।

    दरअसल भारत के बड़े ई-वाणिज्य बाजार पर कब्ज़ा करने की कोशिश कई कंपनियां कर रही है। फ्लिपकार्ट भारत की सबसे बड़ी ई-वाणिज्य कंपनी है, लेकिन कंपनी लगातार घाटे में चल रही है।

    ऐसे में अमेज़न इसका फायदा उठाना चाहता है और फ्लिपकार्ट को खरीदने की कोशिश कर रहा है। इसी जंग में अब अन्य अमेरिकी कंपनी वालमार्ट कूद पड़ी है और फ्लिपकार्ट में हिस्सा खरीदने की पेशकश कर रही है।

    अब हालाँकि लग रहा है कि वालमार्ट इस डील को जीत जाएगा। रिपोर्ट के मुताबिक जुलाई से पहले वालमार्ट और फ्लिपकार्ट करार कर सकते हैं, जिससे फ्लिपकार्ट अपना एक बड़ा हिस्सा वालमार्ट को बेच देगा।

    रिपोर्ट के मुताबिक, “वालमार्ट फ्लिपकार्ट का 51% खरीदना चाहता है और इसके लिए 10 से 12 अरब डॉलर खर्च करने बात कही है।”

    इससे पहले साल 2016 में यह खबर आई थी कि वालमार्ट फ्लिपकार्ट में एक छोटा हिस्सा खरीदने की कोशिश कर रहा है।

    लेकिन अब कंपनी फ्लिपकार्ट पर नियंत्रण करने की कोशिश कर रहा है। रिपोर्ट का यह भी कहना है कि अमेज़न भी इस डील के लिए पेशकश करेगा और वालमार्ट को चुनौती देगा।

    फ्लिपकार्ट का मार्किट शेयर

    वर्तमान में भारत के 40 फीसदी ई-वाणिज्य बाजार पर फ्लिपकार्ट राज करता है, जो बाकी कंपनियों के मुकाबले बहुत ज्यादा है।

    कंपनी को बिन्नी बंसल और उनके छोटे भाई नें 2007 में शुरू किया था। दोनों पहले अमेज़न में काम कर चुके हैं।

    पिछले काफी समय से फ्लिपकार्ट सबसे बड़ी भारतीय कंपनी होने के बावजूद नुकसान से गुजर रहा है। कहा जाता है कि कंपनी नें अपनी स्थापना के बाद से आज तक कोई भी मुनाफा नहीं कमाया है।

    कंपनी के भारत में 10 करोड़ ग्राहक हैं और रोजाना 1 करोड़ लोग फ्लिपकार्ट की वेबसाइट पर जाते हैं। कंपनी भारत के हर कोने में सामान पहुंचाती है।

    अब हालाँकि अमेज़न कंपनी को खरीदकर भारतीय बाजार पर एकतरफा राज करना चाहता है।

    सीएनएन की एक रिपोर्ट के मुताबिक अमेज़न डील पक्की करने के लिए यह कहा है कि यदि वह बाद में डील से इंकार करता है तो वह इसकी भरपाई के लिए फ्लिपकार्ट को 2 अरब डॉलर देगी।

    एक बात तो साफ़ है कि अमेज़न और वालमार्ट में से जो भी इस डील को पक्की करता है, वह भारतीय बाजार में एक बड़ा खिलाड़ी बन जाएगा। अमेरिका में अमेज़न को कड़ी टक्कर देने के बाद वालमार्ट अब भारत में अमेज़न से टक्कर लेना चाहता है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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