भारत ने पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के राष्ट्रपति मसूद खान के फ्रांस के निचले सदन में होने वाले समारोह में शरीक होने से रोक दिया है। सूत्रों के मुताबिक, मसूद खान फ्रांस में पाकिस्तान के दूतावास द्वारा आयोजित समारोह में फ्रांस के सांसदों को संबोधित कर सकते थे।
पेरिस में भारतीय दूतावास ने एक डीमार्च जारी किया था और फ्रांस के विदेश मंत्रालय से पीओके के राष्ट्रपति को संबोधित करने से रोकने का आग्रह किया था क्योंकि जम्मू कश्मीर भारत का अभिन्न अंग है और यह संबोधन भारत की संप्रभुता के लिए एक लिए एक चुनौती होगा।
फ्रांस ने भारत के इस आग्रह पर गौर फरमाया और खान के संबोधन को रद्द कर दिया था। जम्मू कश्मीर से अनुच्छेद 370 को निष्प्रभावी करने के बाद भारत और पाकिस्तान के बीच तनाव काफी बढ़ गया था। नई दिल्ली ने जम्मू कश्मीर को दो केन्द्रशासित प्रदेशो में विभाजित कर दिया था।
पाकिस्तान कश्मीर के मामले का अंतर्राष्ट्रीकरण करने के भरसक कोशिशो में जुटा हुआ है और उसने कई वैश्विक देशो से भारत के खिलाफ आवाज़ उठाने का आग्रह किया था। चीन के हवाले से पाकिस्तान ने कश्मीर मामले पर यूएन की बैठक का आयोजन भी किया था लेकिन पांच स्थायी सदस्यों में से चार ने भारत का समर्थन किया था।
इस वर्ष की शुरुआत में फ्रांस ने जैश ए मोहम्मद के सरगना मसूद अजहर को वैश्विक आतंकवादी की सूची में शामिल कर दिया था। 14 जनवरी को जम्मू कश्मीर में पुलवामा हमले के बाद भारत ने पाकिस्तान की कूटनीतिक घेरेबंदी शुरू कर दी थी। इस आतंकी हमले की जिम्मेदारी पाकिस्तान के आतंकवादी समूह जैश ए मोहम्मद ने ली थी।