Mon. Dec 23rd, 2024
    सचिन तेंदुलकर

    सचिन तेंदुलकर को यूँ ही नहीं मास्टर ब्लास्टर कहा जाता है। क्रिकेट हो या फिर बाहर की दुनिया, सचिन जो एक बार सोच लेते है वो करके ही दम लेते है। मैदान में जिस शालीनता के साथ सचिन खेलते है उसी शालीनता के साथ बाहर भी प्रदर्शन करते है। दरअसल शालीनता सचिन के व्यवहार में है।

    इस बात का परिचय कल उन्होंने संसद में तब दिया जब उन्हें बोलने नहीं दिया गया। राजनेताओं की इस हरकत पर समूचा देश क्रोधित है। लोग सोशल मीडिया में अपनी प्रतिक्रियाए दे रहे है। उपराष्ट्रपति से लेकर जया बच्चन ने इस घटना को निंदनीय बताया है लेकिन इतना कुछ होने के बावजूद भी सचिन एक दम शांत है।

    सचिन की शांति का यह अर्थ बिलकुल नहीं निकालना चाहिए कि मैदान में खिलाडियों के छक्के छुड़ा देने वाला बल्लेबाज संसद में बोल्ड आउट हो गया। सचिन कल खेल और खिलाड़ियों के बारे में अपने विचार संसद में रखने वाले थे लेकिन जब उन्हें बोलने नहीं दिया गया तो उन्होंने फेसबुक को अपना हथियार बनाया।

    देश के महान खिलाडी ने फेसबुक के जरिए अपनी दिल की बात कहीं। सचिन ने युवाओ से आग्रह किया कि वो अपने फिटनेस पर ध्यान दे। अपने संबोधन में सचिन ने केंद्र सरकार से किया आग्रह किया कि अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पदक जीतकर लाने वाले प्रत्येक खिलाड़ी को स्वास्थ्य योजना (CGHS) का लाभ दिया जाए।

    खेल और खिलाडियों की दुर्दशा पर सचिन दुखी नजर आए। उन्होंने अच्छा प्रदर्शन करने के बावजूद देश में जिस तरह का बर्ताव खिलाड़ियों के साथ किया जा रहा है उसे चिंताजनक बताया। सचिन ने कहा कि हॉकी के दिग्‍गज खिलाड़ी मोहम्‍मद शाहिद को अंतिम दिनों में बीमारी के कारण काफी परेशानी का सामना करना पडा।

    सचिन ने एक ट्वीट करते हुए कहा कि “यह मेरा प्रयास है कि भारत को स्पोर्ट्स लविंग नेशन से बदलकर स्पोर्ट्स प्लेइंग नेशन में बदल दू। मैं आप सबसे निवेदन करता हु कि मेरे साथ आए और मेरे सपने को अपने प्रयासों से देश का सपना बना दे। हमेशा याद रखे कि सपने सच होते है, जय हिन्द”

    सचिन ने खुदको सिर्फ खेल तक ही सिमित नहीं रखा बल्कि देश के कई मुद्दों पर भी अपनी बात रखी। सचिन ने कहा आज देश के सामने गरीबी, खाद्य सुरक्षा, स्‍वास्‍थ्‍य सुधार जैसी तमाम चुनौतियां है। सचिन ने विश्वास दिलाया कि देश में अगर खेल को आगे बढ़ाना है तो इसके लिए स्पोर्ट्स कल्चर को अपनाना होगा और हम सबको जीवन में खेल की अहमियत को समझना होगा।

    सचिन ने युवाओ से आग्रह किया कि वो किसी एक खेल को जरूर अपनाए और उसको दिल से खेले। सचिन ने कहा खेल से देश का विकास संभव है।