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    फेसबुक विज्ञापन

    आप गूगल पर किसी चीज या किसी जगह के बारे में जानकारी ढूढ़ते हैं और अगली बार जब आप फेसबुक खोलते हैं, तो आपको उस चीज या जगह से सम्बन्धी विज्ञापन दिखाए जाते हैं। क्या आपके साथ भी ऐसा हो चुका है?

    दरअसल फेसबुक और गूगल जैसी कंपनियां आपकी दी गयी जानकारी की जांच करते हैं और उसके हिसाब से आपको विज्ञापन दिखाते हैं।

    मान लीजिये यदि आप गूगल पर सिंगापुर की जगहों के बारे में पढ़ते हैं, तो फेसबुक के पास यह जानकारी चली जाती है। इसके बाद फेसबुक आपको सिंगापुर के होटल, सिंगापुर जाने के लिए हवाई जहाज की टिकट आदि के विज्ञापन दिखाना शुरू कर देता है, जिससे फेसबुक कमाई करता है।

    फेसबुक नें पिछले साल सिर्फ विज्ञापन के जरिये 40 अरब डॉलर की कमाई की। जिस गति से लोग फेसबुक से जुड़ रहे हैं, यह संख्या आने वाले समय में बढती ही जायेगी।

    तो सवाल यह उठता है, कि फेसबुक आपके बारे में इतनी सटीक जानकारी कैसे हासिल करता है?

    फेसबुक विज्ञापन नीति

    • फेसबुक आपकी गतिविधि की जांच करता है

    जब आप फेसबुक पर अकाउंट बनाते हैं, तो फेसबुक आपकी उम्र, लिंग, आपकी रूचि, आपकी रहने की जगह आदि की जानकारी लेता है। इन जानकारियों के हिसाब से फेसबुक आपको अच्छे से जानने की कोशिश करता है।

    इसके बाद आप जब भी गूगल पर या फेसबुक पर कोई गतिविधि करते हैं, तो फेसबुक उस जानकारी को आपकी निजी जानकारी से जोड़कर देखता है और यह पता लगाने की कोशिश करता है कि आप कुछ खरीदने की कोशिश कर रहे हैं या नहीं? यदि इसे लगता है कि आप कुछ खरीदना चाहते हैं, तो यह आपको उससे जुड़े विज्ञापन दिखाता है।

    इसके अलावा फेसबुक आके दोस्तों की गतिविधि पर भी नजर रखता है। मान लीजिये बड़ी संख्या में आपके दोस्त किसी विषय में रूचि दिखा रहे हैं, तो फेसबुक आपको उससे जुड़े विज्ञापन भी दिखाता है।

    • फेसबुक आपका फेसबुक के बाहर भी पीछा करता है

    एक बार यदि आप अपने ब्राउजर में फेसबुक लॉग इन करते हैं, फेसबुक आपका पीछा करना शुरू कर देता है।

    मान लीजिये आपके ब्राउज़र में फेसबुक खुला हुआ है और आप किसी दूसरी वेबसाइट पर काम कर रहे हैं, तो फेसबुक आपकी गतिविधि के बारे में पता लगा लेता है।

    ऐसा इसलिए होता है क्योंकि ब्राउज़र में ‘कैश फाइल’ नामक फाइल होती हैं, जो आपकी जानकारी को ‘सेव’ कर लेती हैं। इसीलिए कहा जाता है कि यदि आप कोई गुप्त कार्य कर रहे हैं, तो ब्राउज़र में इन्कोगनिटो विंडो खोलकर काम करें। इससे आपकी जानकारी ‘सेव’ नहीं होती है।

    • कंपनियां सीधे आपको ढूंढती हैं

    कई बार कंपनियां सीधे आप तक भी पहुँचती हैं। इसके लिए कंपनियां फेसबुक से आपकी निजी जानकारी लेती हैं, जैसे आपकी उम्र और लिंग आदि। इसके बाद कंपनियां आपको विज्ञापन दिखाती हैं।

    उदाहरण के तौर पर मान लीजिये आपके शहर में कोई बड़ा गायक आ रहा है और उसे अपने शो की टिकट बेचनी है। मुख्य रूप से ऐसे शो में जवान बच्चे जाते हैं। ऐसे में कंपनियां उस जगह के उस उम्र के लोगों को निशाना बनाती है और उन्हें उस शो के विज्ञापन दिखाती है। इससे कंपनी की बिक्री बड़ी आसानी से हो जाती है।

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।

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