शुक्रवार को न्यूयॉर्क टाइम ने बताया की फेसबुक के सीईओ मार्क जुकरबर्ग फेसबुक, इन्स्टाग्राम और व्हाट्सएप की अंतर्निहित मैसेजिंग इन्फ्रास्ट्रक्चर को एकजुट करने और एंड-टू-एंड एन्क्रिप्शन को जोड़ने की योजना बना रहे हैं।
न्युयोर्क टाइम्स की रिपोर्ट का विवरण :
न्यूयॉर्क टाइम्स द्वारा हाल ही में पेश की गयी रिपोर्ट में बताय गया था की फेसबुक के सभी कर्मचारियों के बीच एन्ड टू एन्ड एन्क्रिप्शन प्रकिया के बारे में चर्चा चल रही है। यदि ये बदलाव किये जाते है तो एक व्यक्ति व्हाट्सएप से फेसबुक मैसेज भेजने में सक्षम होगा।
हालांकि अभी यह केवल प्रस्तावित है अभी यह जारी नहीं किया गया है। रिपोर्ट के अनुसार इस पर बातचीत चल रही है।
एकीकरण के होंगे ये फायदे :
बेंजामिन एन कार्डोजो स्कूल ऑफ लॉ के एक प्रोफेसर सैम वेनस्टाइन ने कहा की यदि एकीकररण और एन्क्रिप्शन किया जाता है तो एक यूजर की निजी जानकारी ज़्यादा सुरक्षित हो जायेगी। इससे एंटीट्रस्ट रेगुलेटर भी फेसबुक पर इलज़ाम नहीं लगा पाएंगे। लेकिन इन इल्ज़ामों से बचना ही एकीकरण से फेसबुक का नहीं है।
हालांकि ऐसा करने से भी जानकारी लीक होने के सारे खतरे ख़त्म नहीं होते है। इसके बाद भी जानकारी लीक होने के चांस होते हैं। लेकिन इससे फेसबुक aउस डेटा का उपयोग विज्ञापन और लक्षित सेवाओं के लिए अधिक शुल्क ले सकता है, हालांकि इसके लिए मैसेंजर और इंस्टाग्राम में संदेश सामग्री के आधार पर विज्ञापनों को भी छोड़ना होगा।
एकीकरण से हो सकती है यह हानि :
हालाँकि इससे कुछ नुक्सान भी हैं। यदि एकीकरण किया गया तो कोई फेसबुक यूजर बिना व्हाट्सएप नंबर जाने यूजर को मेसेज भेज पायेगा। इससे स्टोकिंग का ख़तरा बढ़ता है और आतंकवाद में भी बढ़ोतरी की आशंका है। यदि फेसबुक ऐसा करता है तो उसे इन कारकों का भी ध्यान रखना होगा ताकि एकीकरण से हानि की बजाय ज्यादा लाभ हों।