अमृतसर के निरंकारी भवन में ग्रेनेड हमले के एक दिन बाद आरोप प्रत्यारोप और राजनीति का दौर शुरू हो गया। मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह ने कहा कि वो किसी भी संगठन को राज्य की शांति व्यवस्था भंग करने नहीं देंगे वहीँ विपक्ष के नेता सुखबीर सिंह ने राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठाये।
I appeal to the people of Punjab to maintain peace in wake of Amritsar bomb blast. I urge them not to panic and to remain calm. We will not let the forces of terror destroy our hard earned peace.
— Capt.Amarinder Singh (@capt_amarinder) November 18, 2018
सुखबीर बादल ने राज्य के बिगड़ती क़ानून व्यवस्था के लिए कांग्रेस सरकार पर निशाना साधते हुए कहा कि राज्य की शांति और समृद्धि खतरे में है। कांग्रेस सरकार को ‘आग ने नहीं खेलना चाहिए और राज्य की शांति बनाये रखने के लिए कड़े कदम उठाने चाहिए।’
Peace and communal harmony in danger in Punjab under Congress rule. First Maqsudan blast, then army chief asserting need for alertness, now an attack in #Amritsar. Cong govt should not play with fire and act to ensure #Punjab does not slip back into vortex of violence.
— Sukhbir Singh Badal (@officeofssbadal) November 18, 2018
बादल ने कहा कि ये पहली बार नहीं है जब राज्य की शांति पर इस तरह के हमले किये गए हैं। उन्होंने कहा कि सेना प्रमुख विपिन रावत ने पहले ही चेतावनी दी थी कि राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने की कोशिश हो सकती है फिर भी सुरक्षा के पुख्ता इंतज़ाम नहीं किये जा सके।
आम आदमी पार्टी के नेता एचएस फुल्का ने इस विस्फोट के लिए थल सेनाध्यक्ष विपिन रावत को जिम्मेदार ठहरा दिया। हालाँकि बाद में विवाद बढ़ने पर उन्होंने माफ़ी मांगी और कहा कि उनके बयान को तोड़ मरोड़ कर पेश किया गया।
Please see whole https://t.co/LTVCup8BTQ inadvertent statement made standing on road is being blown out of proportion.I have stated that history is evidence of that fact that governments in the past have caused violence to further their interest…1/2https://t.co/tU8xGYVvFZ
— H S Phoolka (@hsphoolka) November 18, 2018
हमले पर हो रही राजनीति के बीच पंजाब पुलिस के चीफ ने कहा है कि ‘हम इस हमले के आंतकी लिंक होने की भी जांच कर रहे हैं।’ उन्होंने कहा कि इंटेलिजेंस की रिपोर्ट थी कि जैश-ए-मोहम्मद के 6 आतंकी दिल्ली जाने के लिए पंजाब के रास्ते का इस्तमाल कर सकते हैं।’
इसके अतरिक्त राज्य की शांति व्यवस्था बिगाड़ने के लिए किये गए इस हमले में खालिस्तानी आतंकियों की भूमिका से इंकार नहीं किया जा सकता।