Wed. Nov 6th, 2024
    पद्मावती फिल्म भंसाली

    अपनी शूटिंग की शुरुआत से ही फिल्म पद्मावती किसी न किसी विवादों में छायी रही है। वैसे तो फिल्म का विरोध लम्बे समय से होता आ रहा है, लेकिन फिर भी संजय लीला भंसाली की मुश्किलें कम होने का नाम ही नहीं ले रही। अब इस बार फिल्म राजनीतिक विवादों में आकर फंस गयी है।

    परस्पर एक दूसरे के खिलाफ रहने वाली पार्टी कांग्रेस और बीजेपी भी एक साथ मिलकर फिल्म पद्मावती पर बैन लगवाने के पक्ष में आ गयी है। बीजेपी ने जहां एक तरफ चुनाव से पहले इस फिल्म के रिलीज़ पर रोक की मांग की है, वहीं कांग्रेस ने भी बीजेपी का समर्थन करते हुए इस फिल्म को बैन करवाने का अपना मन बना लिया है।

    कांग्रेस ने कहा है अगर इतिहास के साथ छेड़छाड़ से फिल्म बनी है तो इसको बैन कर देना चाहिए। बीजेपी ने तो बाकायदा चुनाव आयोग को पत्र लिखकर इस फिल्म को प्रतिबंधित करने को कहा है। भाजपा के प्रवक्ता और पूर्व वरिष्ठ मंत्री आईके जडेजा ने कहा है, ‘यह फिल्म छत्रिय और राजपूत समुदायों की भावनाओ को ठेंस पहुंचा सकती है, एवं शांति व्यवस्था को भंग कर सकती है। रानी पद्मावती कभी अलाउद्दीन खिलजी से मिली ही नहीं थी।’

    इतिहास को तोड़-मरोड़कर और गलत ढंग से पेश किया गया है, ऐसे में आईके जडेजा ने फिल्म के डायरेक्टर संजय लीला भंसाली को दो ऑप्शन दिए है या तो इस फिल्म को ही बैन कर दिया जाए, या इसे गुजरात विधान सभा चुनाव के बाद रिलीज़ किया जाए।

    वरिष्ठ कांग्रेस नेता और राष्ट्रीय प्रवक्ता शक्ति सिंह गोहिल ने तो एक कदम और आगे बढ़कर इस फिल्म को न सिर्फ गुजरात बल्कि, पुरे हिन्दुस्तान में बैन करने की मांग की है। उन्होने फिल्म के रिलीज़ से पहले स्पेशल स्क्रीनिंग करवाने और लोगो के भावनाओ को ध्यान में रखकर आपत्तिजनक दृश्यों को हटाए जाने की मांग की है।

    वैसे आपको बता दे कि इस फिल्म का विवादों से गहरा नाता रहा है। राजपूत करनी सेना ने भी इस फिल्म का विरोध किया था। प्रदर्शनकरियों के एक समूह ने तो पद्मावती के पोस्टर की रंगोली को बर्बाद कर दिया था। इतना ही नहीं फिल्म के सेट पर लगी आग के कारण लाखो रुपये का नुक्सान फिल्म के निर्माता पहले ही उठा चुके है।