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    अमेरिका यरूशलम फिलिस्तीन

    अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प द्वारा हाल ही में जरुशलम को इजराइल की राजधानी घोषित करने के बाद उठे विवाद थमने का नाम नहीं ले रहे हैं। मध्य-पूर्वी देशों द्वारा विरोध करने के बाद अब फिलिस्तीन में भी विरोध जारी है। फिलिस्तीन के राष्ट्रपति महमूद अब्बास का कहना है कि वे अमेरिकी उप-राष्ट्रपति के फिलिस्तीन दौरे पर उनके साथ मुलाकात नहीं करेंगे।

    आपको बता दें कि इससे पहले फिलिस्तीन के गाजा शहर में विरोध प्रदर्शन शुरू हुए थे। कल पहले तो फिलिस्तीन की धरती से इजराइल में कुछ राकेट छोड़े गए जिसके बाद इजराइल ने इसका जवाब दिया। इजराइल द्वारा गोलियां चलाये जाने पर दो फिलिस्तीनी सैनिकों की मौत हो गयी थी।

    ट्रम्प के इस फैसले से पूरी दुनिया में विरोध प्रदर्शन शुरू हो गया था। अमेरिका के साथ देश जैसे फ्रांस, ब्रिटेन आदि नें भी इसका बहिष्कार किया है। मध्य-पूरी देशों में तो जमकर ट्रम्प के खिलाफ प्रदर्शन हुआ है।

    कल शनिवार रात को अरब विदेश मंत्री ने राष्ट्रपति ट्रम्प से अपना फैसला वापस लेने को कहा। कल अरब देशों के बीच हुई बैठक के बाद सभी देशों नें ट्रम्प के इस फैसले को खतरनाक बताया और कहा कि इससे स्थिति बिगड़ सकती है।

    हालाँकि इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू नें ट्रम्प के फैसले का समर्थन किया है। नेतन्याहू नें कल पेरिस में फ्रांस के राष्ट्रपति से मुलाकात की, जिसके बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत की।

    बेंजामिन नेतन्याहू ने इस बारे में कहा. “मैंने ट्रम्प के जरुशलम के फैसले के विरोध में काफी लोगों की आवाजें सुनी, लेकिन किसी नें भी इस बात का जिक्र नहीं किया कि उनके फैसले के बाद कैसे कुछ लोगों नें इजराइल में राकेट छोड़ने की कोशिश की थी।”

    By पंकज सिंह चौहान

    पंकज दा इंडियन वायर के मुख्य संपादक हैं। वे राजनीति, व्यापार समेत कई क्षेत्रों के बारे में लिखते हैं।