फिलिस्तीनी सुरक्षा से जुड़े सूत्र ने बताया कि इजरायल के जंगी विमानों ने शनिवार को तीन ठिकानों पर हमला किया था, लेकिन इससे किसी हताहत की सूचना नहीं मिली है। शुक्रवार की शाम को फिलिस्तीनियों ने दक्षिणी इज़राइल के क्षेत्र से एक रॉकेट दागा था। मध्य में डीयर एल बलाह के पास एक खुले मैदान में एक हमले में फिलिस्तीनियों द्वारा गोलीबारी किए जाने के बाद हमले हुए थे।
एक इजरायली सेना के बयान में केवल दो हमलों के बाबत जानकारी दी है। यह गाज़ा पट्टी पर उत्तरी और केंद्रीय स्थान पर हमास आतंकी संगठन के ठिकानों को निशाना बनाया गया था।
उन्होंने इसकी विस्तार से जानकारी मुहैया नही की है।सेना ने कहा कि दक्षिणी इजरायल में शुक्रवार रात का रॉकेट हमला 12 जुलाई के बाद पहला था। बयान में कहा गया है कि रॉकेट को इजराइल के आयरन डोम रक्षा प्रणाली ने भांप लिया था क्योंकि हवाई हमले के बाद सायरनोट और उसके आसपास के दक्षिणी शहर में सायरन बजना शुरू हो गया था।
इससे पहले शुक्रवार को फिलिस्तीनी स्वास्थ्य मंत्रालय ने कहा कि गाजा सीमा पर साप्ताहिक विरोध प्रदर्शनों के दौरान इजराइल द्वारा लगयीं आग में 32 फिलिस्तीनी नागरिक जख्मी हुए थे।
इजराइल की सेना के प्रवक्ता ने बताया कि लगभग 5,600 लोगों ने सीमा पर प्रदर्शन किया, कुछ ने हथगोले और विस्फोटक उपकरणों को सैनिकों की ओर फेंक दिया और सीमा की बाड़ तक पहुंचने का प्रयास किया था।
उन्होंने कहा कि सैनिकों ने दंगा रोधी हथियारों से जवाब दिया, लेकिन वह सैनिको द्वारा आग लगाने की खबर से वाकिफ नही थी। सीमा पर नियमित विरोध प्रदर्शन की शुरुआत मार्च 2018 से हुई थी।
गाजा या सीमा क्षेत्र में इजराइल द्वारा लगाई आग से कम से कम 302 फिलिस्तीनी नागरिको की मौत हुई थी। तब से बहुमत प्रदर्शनों या झड़पों का सिलसिला शुरू हो गया था। इसी अवधि में गाजा से संबंधित हिंसा में सात इजराइल के नागरिको की भी मौत हुई थी।
हाल के महीनों में संयुक्त राष्ट्र और मिस्र के अधिकारियों ने मध्यस्थता से इजराइल और गाजा के इस्लामी शासकों हमास के बीच अनौपचारिक संघर्ष को मुकम्मल किया था और इसके बाद प्रदर्शनों में काफी गिरावट आई थी।गाजा में इजराइल और हमास ने 2008 से तीन युद्ध लड़े हैं।