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    बिलावल भुट्टो

    पाकिस्तान पीपल्स पार्टी के अध्यक्ष ने मंगलवार को आरोप लगाया कि फासीवादी सरकार के कार्यकाल में प्रेस की आज़ादी का अस्तित्व मौजूद नहीं है। हाल ही में दक्षिणी एशियाई राष्ट्र में मीडिया पर पाबन्दी की घटनाएं सामने आई है।

    उन्होंने कहा कि “मैंने बीती रात सुना कि तीन टीवी चैनलो चैनल 24, अब तक और कैपिटल टीवी को बिना किसी नोटिस या प्रक्रिया के बंद कर दिया गया है। यह प्रेस की आज़ादी पर अप्रिय और बेइंतेहा जुल्म हैं।”

    मीडिया पर दबाव बनाया जा रहा है

    उन्होंने कहा कि “मीडिया और पत्रकार दबाव में हैं। पत्रकारों को उनकी निजी आज़ादी से समझौता करने के लिए मजबूर किक्या जा रहा है। पत्रकारों अपने विचारों को अखबार में आज़ादी से बयां नहीं कर सकते हैं और न ही वे अपने ट्वीटर एकाउंट्स से ट्वीट कर सकते हैं। अगर वह हिम्मत करते हैं तो उनके ट्वीटर अकाउंट को बंद कर इडया जाता है।”

    हाल ही में पाकिस्तान में तीन न्यूज़ चैनल को पूरे पाकिस्तान के अधिकतर शहरो में बंद कर दिया गया था। पीएमएलएन की नेता मरयम नवाज़ ने इस हरकत को फासीवादी आर शर्मनाक करार दिया था। खबरों के मुताबिक, तीन टीवी चैनलो चैनल 24, अब तक और कैपिटल टीवी को मरयम नवाज़ की लाइव स्पीच प्रदर्शित करने के करान बंद करने के आदेश पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने दी थी।

    बिलावल ने कहा कि “मैं पहले भी संसद के फ्लोर पर कह चुका हूँ कि यह नियंत्रण मसलो का समाधान नहीं करेगा। एक बार फिर जो निराशा आप दे रहे हैं वह एक मार्ग ढूंढ लेगी और अगले दिन दूसरा, लेकिन इस परिणाम नकारात्मक होंगे।”

    न्यूज़ चैनलो पर गाज

    रविवार को पाकिस्तान इलेक्ट्रॉनिक मीडिया रेगुलेटरी अथॉरिटी ने मरयम की लाइव स्पीच को लाहौर से प्रदर्शित करने के लिए 21 टीवी चैनलो को नोटिस दिया था। इस भाषण के दौरान मरयम में एक जज अरशद मलिक की विडियो को जारी किया था जिसमे वह कह रहे थे कि अल अजीजिया मामले में नवाज़ शरीफ के खिलाफ सबूतों का अभाव है और शरीफ को आरोपी ठहराने के लिए उन्हें ब्लैकमेल किया गया था।

    बीते 1 जुलाई को पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमन्त्री आसिफ अली ज़रदारी का इंटरव्यू एक वरिष्ठ पत्रकार हामिद मीर ने लिया था और इसके जिओ चैनल पर प्रसार की चंद मिनटों बाद इसे बंद कर दिया गया था।

     

    By कविता

    कविता ने राजनीति विज्ञान में स्नातक और पत्रकारिता में डिप्लोमा किया है। वर्तमान में कविता द इंडियन वायर के लिए विदेशी मुद्दों से सम्बंधित लेख लिखती हैं।

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