Sat. Nov 16th, 2024
    भारत में प्लेबैक सिंगिंग पर बोले अर्जुन कानुंगो-गायकों को लोकप्रियता हमेशा देरी से मिली है

    कुछ सालों से भारतीय संगीत में एक नाम है जो बहुत मशहूर हो रहा है। उनके गानों को युवाओं का बहुत प्यार मिल रहा है और उनके गाने पार्टियों की शान बढ़ाते हैं। ‘सूट’, ‘ला ला ला’, ‘तू ना मेरा’ जैसे शानदार गानों के पीछे हैं अर्जुन कानुंगो जिन्होंने कुछ ही वक़्त में काफी फैंस बना लिए हैं।

    मगर उनका मानना है कि गायकों और कलाकारों को अपने खुद के गानों में स्क्रीन स्पेस मिलना चाहिए। उन्होंने जितने भी गाने आये हैं चाहे वो ‘बाकी बातें पीने बाद’ हो या ‘गल्लां टीप्सियां’, उन्होंने कोशिश की है कि गाने के साथ साथ वह वीडियो में भी नज़र आये। अपने खुद के गानों में दिखने की अहमियत पर बात करते हुए उन्होंने IANS से कहा-“हम गायक और कलाकार के रूप में यह महसूस करने की कोशिश कर रहे हैं कि हम स्क्रीन टाइम के भी लायक हैं। हम अपने गानों के साथ-साथ उनका चेहरा बनने के भी लायक हैं।”

    https://www.instagram.com/p/BtYhT9sAjgh/?utm_source=ig_web_copy_link

    https://www.instagram.com/p/Bt-Tz1ZAxqK/?utm_source=ig_web_copy_link

    गायक ने आगे कहा-“प्लेबैक सिंगिंग की स्थिति भारत में बहुत लंबे समय से बहुत लोकप्रिय है, लेकिन गायक हमेशा से ही वो रहे हैं जिन्हें बाद में लोकप्रियता मिली।”

    “यदि आप विदेशों में देखे तो, गायक कभी-कभी हॉलीवुड अभिनेताओं की तुलना में अधिक लोकप्रिय होते हैं। हम गायकों के रूप में उन की क्षमता को देखते हैं और हम स्क्रीन टाइम मांगने के लिए निष्पक्ष महसूस करते हैं क्योंकि अगर हम गीत गा रहे हैं तो क्यों नहीं? यह निश्चित रूप से अधिक लाभदायक प्लेबैक है। एक गैर-फिल्मी गीत जो हिट है, वह एक कलाकार के लिए 10 प्लेबैक गीतों की तुलना में अधिक फायदेमंद है।”

    By साक्षी बंसल

    पत्रकारिता की छात्रा जिसे ख़बरों की दुनिया में रूचि है।

    Leave a Reply

    Your email address will not be published. Required fields are marked *