अमेरिका में डोनाल्ड ट्रम्प और पत्रकारों के मध्य जंग सी छिड़ी हुई है। सीएनएन के पत्रकार का प्रेस पास रद्द करने पर अमेरिका की स्थानीय अदालत ने राष्ट्रपति ट्रम्प को फटकार लगाई थी और पत्रकार का प्रेस पास बहाल करने का आदेश सुनाया था।
व्हाइट हाउस के दोबारा पास रद्द करने की बात पर सीएनएन ने दोबारा स्थानीय अदालत का रुख किया है। सीएनएन ने कहा कि अदालत एक आपात सुनवाई करे क्योंकि व्हाइट हाउस उनके आदेश की अवहेलना कर रहा है। अदालत ने आदेश दिया था कि व्हाइट हाउस तत्काल पत्रकार जिम अकोस्टा का प्रेस पास बहाल करें।
7 नवम्बर को व्हाइट हाउस में प्रेस मीटिंग के दौरा सीएनएन के पत्रकार और डोनाल्ड ट्रम्प के मध्य गर्मागरम बहस छिड़ गयी थी। जिसके बाद राष्ट्रपति ट्रम्प ने पत्रकार को बदतमीज़ और अजीब इंसान कहा था। अदालत के आदेश को न मानने के कारण सीएनएन ने व्हाइट हाउस को अदालत में चुनौती दी है।
व्हाइट हाउस ने सीएनएन की आपात सुनवाई का विरोध किया है। उन्होंने अदालत को कहा कि अभी कोई इमरजेंसी नहीं है, अगले महत्वपूर्ण कदम उठाने के बारे में सोचना अभी मुमकिन नहीं है। उन्होंने कहा कि पत्रकार का प्रेस पास बहाल करने के बाबत व्हाइट हाउस शुक्रवार को निर्णय लेगा।
व्हाइट हाउस की प्रवक्ता सारा सांडर्स ने कहा कि पत्रकार अकोस्टा के बाबत फैसला डोनाल्ड ट्रम्प की सहमती से ही लिया जायेगा। मीडिया के आलोचक डोनाल्ड ट्रम्प ने रविवार को पत्रकार अकोस्टा पर हमला बोलते हुए कहा कि अदालत का निर्णय कोई बड़ी बात नहीं है और व्हाइट हाउस मीडिया के लिए नियम खुद तय करेगा। उन्होंने कहा कि व्हाइट हाउस में शांति बनाये रखने के लिए हम तत्काल कायदे-कानून लिखेंगे, आप निरंतर सावल नहीं पूछ सकते हैं।
सीएनएन और पत्रकार अकोस्टा ने कहा कि उन्हें उम्मीद है कि यह विवाद अदालत के बाहर ही सुलझ जायेगा। पत्रकार अकोस्टा ने डोनाल्ड ट्रम्प से लैटिन अमेरिका से आये आप्रवासियों और अमेरिकी विभाग की रिपोर्ट, कि साल 2016 के अमेरिकी चुनावों में रूस ने दखल अंदाजी नहीं की थी, सवाल पूछे थे। इस सवालों पर राष्ट्रपति ट्रम्प पत्रकार पर भड़क गए थे।