विषय-सूचि
प्रेरणार्थक क्रिया की परिभाषा
जिस क्रिया से ज्ञान हो कि कर्ता स्वयं कार्य को न करके किसी अन्य को कार्य करने की प्रेरणा देता है वह प्रेरणार्थक क्रिया कहलाती है।
प्रेरणार्थक क्रिया के दो कर्ता होते हैं :
- प्रेरक कर्ता : प्रेरणा प्रदान करने वाला
- प्रेरित कर्ता : प्रेरणा लेने वाला कर्ता
प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण
- सुरेंदर राधा से खाना पकवाता है।
जैसा कि आपने ऊपर दिए गए उदाहरण में देखा कि इसमें दो कर्ता है। पहला करता है सुरेंदर एवं दूसरी राधा।
असलियत में काम तो राधा कर रही है लेकिन राधा को काम करने की प्रेरणा सुरेंद्र रहा है। अतः यह उदाहरण प्रेरणार्थक क्रिया के अंतर्गत आएगा।
- रामू धीरज से गाडी चलवाता है।
ऊपर दिए गए उदहारण में जैसा कि आप देख सकते हैं कि वाक्य में एक नहीं दो-दो करता हैं। पहला करता है रामू एवं दूसरा करता है धीरज।
इस उदाहरण में असल में गाडी तो धीरज चलाता है लेकिन गाडी चलाने कि प्रेरणा धीरज को रामू देता है। जैसा कि हमें दो कर्ता होने पर एवं एक कर्ता का दुसरे कर्ता को प्रेरणा देने पर यह प्रेरणार्थक क्रिया के अंतर्गत आएगा।
प्रेरणार्थक क्रिया के अन्य उदाहरण
- अध्यापक बच्चों से पाठ पढवाता है।
ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि वाक्य में दो कर्ता हैं। पहला कर्ता अध्यापक है एवं दूसरा कर्ता बच्चे हैं। असल में पाठ पढने का काम तो बच्चे कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह काम करने की प्रेरणा अध्यापक दे रहा है।
जैसा कि हमें पता है कि जब दो कर्ता होते हैं एवं एक कर्ता दुसरे कर्ता को कुछ काम करने के लिए प्रेरित करता है तब यह प्रेरणार्थक क्रिया का उदाहरण होता है।
- सुनील अपने बेटे से काम करवाता है।
जैसा कि आप ऊपर दिए गए उदाहरण में देख सकते हैं कि उपर्युक्त वाक्य मैं दो कर्ता हैं। पहला कर्ता सुनील है तो दूसरा करता उसका बीटा है।
देखा जाए तो काम उसका बेटा ही कर रहा है लेकिन फिर भी सुनील को कर्ता माना जा रहा है क्योंकि वह अपने बेटे को काम करने के लिए प्रेरित कर रहा है।
जैसा कि हम जानते है कि जब एक ही वाक्य में दो कर्ता होते हैं एवं एक कर्ता दुसरे कर्ता को कोई काम करने के लिए प्रेरित करता है तब यह प्रेरणार्थक क्रिया के उदाहरण के अंतर्गत आता है।
- माता पिता अपने बच्चों से कार्य कराते है।
ऊपर दिए गए उदाहरण में आप देख सकते हैं कि वाक्य में दो कर्ता हैं। पहला कर्ता माता-पिता है एवं दूसरा कर्ता बच्चे हैं। असल में कार्य करने का काम तो बच्चे कर रहे हैं लेकिन उन्हें यह काम करने की प्रेरणा माता-पिता दे रहे है।
जैसा कि हमें पता है कि जब दो कर्ता होते हैं एवं एक कर्ता दुसरे कर्ता को कुछ काम करने के लिए प्रेरित करता है तब यह प्रेरणार्थक क्रिया का उदाहरण होता है।
प्रेरणार्थक क्रिया से सम्बंधित यदि आपका कोई भी सवाल या सुझाव है, तो आप उसे नीचे कमेंट में लिख सकते हैं।
“कवितायें सुनी-सुनाई जायें” में कौन सी क्रिया है?
Kavita suni sunai jaae me kon si kriya h
Nakaratmak kriya hai
Sakrmak kriya
hope it helps you
have a nice day !!!
YAH SAKARMAK KRIYA HAI.
“कवितायें सुनी-सुनाई जायें” में कौन सी क्रिया है? isme sakarmak kriya hai.
सुनील अपने बेटे से काम करवाता है। -बेटे से me karak kya hai.
Karta ke kitne bhed hai
Dho bhed hai o:
1)akarmak kriya
2)sakarmak kriya
WHAT IS PRATHAM PRERNARTHAK KRIYA . PLEASE EXPLAIN IN DETAIL.