नई दिल्ली, 15 मई (आईएएनएस)| सर्वोच्च न्यायालय ने बुधवार को भाजपा युवा मोर्चा की नेता प्रियंका शर्मा को तत्काल रिहा करने के आदेश के बावजूद रिहाई में देरी के लिए पश्चिम बंगाल सरकार को फटकार लगाई।
सर्वोच्च न्यायालय ने मंगलवार को शर्मा को जमानत दी थी और साथ ही कहा था कि उन्हें तृणमूल कांग्रेस प्रमुख के मीम को पोस्ट करने के लिए रिहा होने के बाद माफी मांगनी चाहिए। शर्मा को पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के मीम के लिए 10 मई को गिरफ्तार किया गया था।
शर्मा के वकील और वरिष्ठ अधिवक्ता नीरज किशन कौल ने बुधवार को अदालत को सूचित किया कि उन्हें मंगलवार को रिहा नहीं किया गया क्योंकि जेल प्रशासन अदालत के आदेश की प्रमाणित प्रति मांग रहा था।
उन्होंने कहा कि शर्मा को बुधवार सुबह 9.40 बजे रिहा किया गया।
न्यायमूर्ति इंदिरा बनर्जी और न्यायमूर्ति संजीव खन्ना की अवकाश पीठ ने जानना चाहा कि सर्वोच्च न्यायालय अभी भी जानना चाहता है कि उसके आदेश के बावजूद भी शर्मा को तत्काल रिहा क्यों नहीं किया गया।
पीठ ने सरकार के वकील से कहा कि अगर शर्मा को रिहा नहीं किया गया होता तो अदालत ने अवमानना नोटिस जारी कर दिया होता।
अदालत ने पाया कि गिरफ्तारी प्रथमदृष्टया मनमानी का मामला है।
कौल ने अदालत को यह भी सूचित किया कि पुलिस ने मामले में क्लोजर रिपोर्ट तैयार कर लिया था लेकिन मंगलवार को अदालत की कार्यवाही के दौरान इसे रिकॉर्ड पर नहीं लाया गया।
अदालत ने कहा कि वह माफी मांगने के मुद्दे को जुलाई में देखेगी।
भारतीय जनता पार्टी नेता पर अभिनेत्री प्रियंका चोपड़ा के मेटगाला लुक वाली तस्वीर की फोटाशॉप की गई पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की तस्वीर सोशल मीडिया पर शेयर करने का आरोप था।