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    कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने शुक्रवार को यहां नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ प्रदर्शन के लिए पिछले दिनों गिरफ्तार किए गए बीएचयू के छात्रों और मासूम बच्ची चंपक के माता-पिता सहित कई कांग्रेस कार्यकर्ताओं से मुलाकात की। प्रियंका से आंदोलनकारियों की मुलाकात के लिए पहले रामघाट पर गंगा किनारे स्थित गुलेरिया कोठी का चयन किया गया था, लेकिन अंतिम समय में योजना बदली गई और उन्होंने सभी से रामघाट पर ही मुलाकात की।

    इससे पहले कांग्रेस महासचिव प्रियंका ने बनारस के संत शिरोमणि गुरु रविदास मंदिर में दर्शन किए। यहां मंदिर के पुजारियों ने उन्हें स्मृतिचिन्ह भेंट किया। प्रियंका ने इस मौके पर कहा कि सामाजिक उत्थान में संत शिरोमणि रविदास जी का महत्वपूर्ण योगदान रहा है।

    प्रियंका ने रविदास मंदिर में कहा, “बहुत दिनों से यहां आने की इच्छा थी, जो पूरी हुई।” इस दौरान उन्हें मंदिर के प्रबंधक सतीश कुमार ने संस्था की दो पत्रिकाएं भेंट की। सतीश की पत्नी बसंती देवी ने उन्हें अपने हाथ से वाराणसी की प्रसिद्ध मलाई की गिल्लौरी मिठाई खिलाई।

    रविदास मंदिर में दर्शन के बाद कांग्रेस महासचिव नाव से श्री विद्यामठ पहुंचीं, जहां पर उन्होंने सीएए विरोधी प्रदर्शन के दौरान हिरासत में लिए गए लोगों, बीएचयू के छात्रों, सामाजिक कार्यकर्ताओं और पार्टी पदाधिकारियों से मुलाकात और बातचीत की।

    प्रियंका ने इस दौरान संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय में छात्रसंघ चुनाव में एनएसयूआई के जीते हुए प्रत्याशियों से भी मुलाकात की और उनका हौंसला बढ़ाया।

    पंचगंगा घाट पर जाने के लिए भैंसासुर घाट पर नाव पर चढ़ते समय कांग्रेस प्रदेश अध्यक्ष अजय सिंह लल्लू पानी में गिर गए। पास मौजूद सुरक्षाकर्मियों और कांग्रेस कार्यकर्ताओं ने उन्हें तुरंत संभाला।

    इससे पहले प्रियंका गांधी की अगवानी में जुटे समर्थकों की गलती से बड़ा हादसा होते-होते रह गया।

    भैंसासुर घाट से नाव पर सवार होकर प्रियंका जब गुलेरिया कोठी के लिए निकलीं तो नाव पर कई समर्थक भी सवार हो गए। नाव अनियंत्रित होने लगी तो प्रियंका की सुरक्षा में तैनात कर्मियों ने समर्थकों को नीचे उतारने शुरू किए।

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