अमेठी, 28 अप्रैल, 2019(रविवार): कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी ने प्रधानमंत्री मोदी के पिछड़ी जाति पर की गई टिप्पणी पर कटाक्ष करते हुए कहा कि मुझे नही मालूम कि वह कौन सी जाति के हैं और मेरे ख्याल से विपक्ष ने कभी इस तरीके से बात नही की।
उन्होंने बसियवे गांव मेंं मीडिया से बात करते हुए कहा-“मुझे आज तक नही पता कि पीएम मोदी कौन सी जाति के हैं और विपक्ष और कांग्रेस ने कभी उनकी जाति पर मुद्दा नही उठाया”।
प्रियंका ने कहा, ” कांग्रेस ने केवल विकास, स्वास्थ्य सेवाओं, रोजगार, शिक्षा, महिला सुरक्षा और कृषि संकट के मुद्दों को उठाती रही हैं।
उनकी यह टिप्पणी मोदी के उत्तर प्रदेश के कन्नौज में एक रैली के दौरन मायावती पर जातिय बयान देने पर आई जिसमें मोदी ने कहा था, ” बेहनजी (मायावती) मेरे जाति प्रमाण पत्र का वितरण कर रही हैं। और अब जब उन्होंने यह शुरू कर दिया हैं तो मुझे आपको यह बताना होगा कि मैं गुजरात में सबसे पिछड़ी जाति से आता हूं।
उन्होंने कहा,” जब तक मुझे मेरी जाति के बारे में पता नही था, तब तक बहनजी, अखिलेश यादव और कांग्रेस इसका उल्लेख करना शुरू कर दिया था। मैं उनका आभारी हूं, अभी तक मैं जाति की राजनीति में नही हूं। मैं उन्हें भी कहता हूं कि मुझे जाति की राजनीति में न घसीटे।
प्रियंका ने भाजपा पर राष्ट्रवाद के मुद्दे पर पलटवार करते हुए कहा,” राष्ट्रवाद लोगों की सेवा करने, लोगों की समस्याओं के समाधान खोजने के बारे में हैं”।
उन्होंने कहा,” लेकिन वे क्या कर रहे हैं? वे लोगों की समस्याओं को नही सुन रहे हैं। उनक आवाज दबा दी गई हैं। यह राष्ट्रवाद नही हैं”।
भाजपा नेता और केंद्रीय मंत्री स्मृती ईरानी पर निशाना साधते हुए, जो कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एक बार फिर अमेठी से चुनाव लड़ रही हैं, प्रियंका गांधी ने कहा,” उन्होंने अमेठी के लोगों को जूतेबांट उनका अपमान किया हैं”।
उन्होंने कहा कि “जिस तरह से भाजपा पैसे और जूते बांटकर चुनाव लड़ रही हैं वह सही नही हैं”।
“चुनाव इस तरह से नही लड़े जाते। लोगों के बीच जाना पड़ता हैं, उनकी समस्याओं को सुनना पड़ता हैं और हल निकालना पड़ता हैं, और उनको इस बारे में सूचीत करना होता हैं कि आप उनके लिए क्या करने जा रहे हैं”।
कांग्रेस की नेता, जो पूर्वी उत्तर की कांग्रेस प्रभारी हैं, ने कहा कि अमेठी के लोगों में उच्च मान सम्मान हैं और उन्होंने कभी किसी चीज की भीख नही मांगी हैं।
उन्होंने कहा,” मैं यहां तब से आ रही हूं जब मैं 12 साल की थी और मैंने कभी नही देखा कि लोगों ने हमसे कभी किसी चीज की मांग की हो।