पार्टी प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा और ज्योतिरादित्य सिंधिया की कार्यकर्ताओें के साथ चल रही बुधवार की बैठक गुरुवार को लगभग 15 घंटे के बाद खत्म हुई। सुबह 11:30 से शुरु हुई कांग्रेस की बैठक देर रात 2:30 बजे खत्म हुई। उन्होंने इस बैठक में पार्टी कार्यकर्ताओं की समस्याओं को सुना और राजनीतिक दृष्टि से बेहद महत्वपूर्ण लोकसभा चुनाव से पहले यूपी में पार्टी को पुनर्जीवित करने का प्रयास भी किया।
प्रियंका गांधी को पूर्वी उत्तर प्रदेश के 41 निर्वाचन क्षेत्रों का भार सौंपा गया है। वहीं अन्य 39 निर्वाचन क्षेत्रों के महासचिव ज्योतिरादित्य सिंधिया ने मीडिया को कहा कि ‘यह कोई टी-20 मैच नहीं है बल्कि पांच दिवसीय गेम है।’
कांग्रेस संसद आराधना मिश्रा के अनुसार बैठक में “प्रिंयका लगभग 11 विधानसभा क्षेत्र के कार्यकर्ताओं से मिली। उन्होंने साफ कह दिया है कि कुल 80 सीटों से हम लड़ेंगे।”
पिछली रात को बैठक में गोरखपुर, देवरिया और बांसगांव की सीटों को लेकर बातचीत हुई है। दशकों से भाजपा का गढ़ और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के सीट पर तकरीबन 1 घंटे तक बातचीत चली। उस क्षेत्र के कुछ कार्यकर्ता यह कहते हुए बाहर निकले कि उन्हें बैठक में “मन और दिल” दोनों की बात व्यक्त करने की अनुमति थी।
कुछ ने तो यह भी सोच लिया कि अगर भविष्य की चुनावी बैठकें भी प्रियंका-जी की अध्यक्षता में होती हैं, तो वे सभी निशाचर हो जाएंगे।
पहले चरण की लंबी बैठक से सीख लेकर लखनऊ के कुछ कांग्रेसी पहले ही घर से पुरी और आलू की सब्जी भरकर डब्बा लाए थे। उनलोगों ने कहा कि ‘बीते रात वे भूखे रहे थे, इसलिए आज पहले ही डब्बा पैक करवा कर लाए थे।’
देवरिया जिले के एक मुस्लिम कार्यकर्ता जिन्होंने कुछ साल पहले ही पार्टी में एक पद संभाला वे इस देर रात चली बैठक से प्रभावित नहीं दिखे। उन्होंने कहा कि ‘इसमें केवल 10 फीसद सच है और बाकी यह सब दिखावा है। वरिष्ठ नेताओं को जमीन पर आकर पार्टी की हकीकत देखनी चाहिए।’
एक 47 वर्षीय व्यक्ति ने संवाददाताओं से कहा कि प्रियंका पार्टी कार्यकर्ताओं से बहुत कुछ सीख रही हैं और चुनाव जीतने के लिए, उनके विचारों को भी ले रही हैं।
बुधवार को दोनों नेताओं ने क्षेत्रीय संगठन महान दल के साथ गठबंधन करने की घोषणा भी की। दोनों पार्टियों ने 2014 में भी गठबंधन किया था, लेकिन महान दल चुनाव हार गई थी।
कांग्रेसी नेताओं का कहना है कि पश्चिमी यूपी के कुछ इलाकों में क्षेत्रीय पर्टियों का दबदबा है और इसलिए वे गठबंधन को राजी हुए है। इस गठबंधन के जरिए वे छोटे-छोटे जनजातियों तक पहुंचने की कोशिश कर रहे हैं।
कार्यकर्ताओं को प्रियंका व ज्योतिरादित्य से मिलने के बाद एखक फीडबैक फॉर्म भरने को दिया जा रहा है। जिसमें लोगों की उपजाति व समुदायों के संदर्भ, सोशल मीडिया की सुलभता पता चल सके।
न्यूज ऐजंसी आईएएनएस ने प्रियंका को मिलने वाले कार्यकर्ताओं के हवाले से बताया कि प्रियंका के अनुसार मुकाबला राहुल गांधी और मोदी के बीच में है। उनका दायित्व पार्टी के मजबूत करना व कार्यकर्ताओं की हिम्मत बढ़ाना है।