सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस सलमान तुर्की में स्थित दूतावास में पत्रकार जमाल खशोगी की हत्या होने की अंतर्राष्ट्रीय जगत की आलोचनायें झेल रहे है, यहाँ तक कि उनके ताज गंवाने की बाते भी शुरू हो चुकी है। सऊदी अरब के क्राउन प्रिंस गुरूवार को एक धार्मिक यात्रा पर संयुक्त अरब अमीरात के दौरे पर पंहुच चुके हैं।
सऊदी अरब की अधिकारिक मीडिया एजेंसी के मुताबिक अपने बादशाह पिता के कहने पर अरब के कई देशों की यात्रा करेंग। अबू दाभी के के प्रिंस मुहम्मद बिन ज़ायेद ने प्रिंस सलमान की पहली यूएई की यात्रा में स्वागत इस्तकबाल किया है। यमन में ईरान के समर्थित हूथी विद्रोहियों के खिलाफ सऊदी और यूएई का गठबंधन है।
ख़बरों के म्जुताबी इस यात्रा पर दोनों देशों के नेता क्षेत्रीय और अंतर्राष्ट्रीय विकास के मुद्दों पर बातचीत करेंगे और मीडिल ईस्ट की चुनौतियों और खतरों के बाबत भी बातचीत करेंगे। इसके आलावा प्रिंस सलमान टूनिसिया की राजधानी की यात्रा पर भी जायेंगे। सऊदी अरब के प्रिंस की यह यात्रा आगामी जी-20 सम्मेलन से पहले की है क्योंकि इस सम्मेलन में अंतर्राष्ट्रीय समुदाय पत्रकार की हत्या का दायित्व लेने के लिए दबाव बनाएगा।
हाल ही में जारी अमेरिकी ख़ुफ़िया एजेंसी की रिपोर्ट के मुताबिक पत्रकार की हत्या करने के आदेश सऊदी अरब के प्रिंस ने दिए थे। तुर्की के प्रवक्ता के मुताबिक राष्ट्रपति रिचप्प तैयाप्प एर्दोगन जी-20 की बैठक के इतर प्रिंस सलमान से मुलाकात कर सकते हैं। तुर्की के राष्ट्रपति ने कहा था कि पत्रकार की हत्या के आदेश सऊदी के उच्च अधिकारियों द्वारा दिए गए थे।
सऊदी अरब ने इस अपराध में 21 लोगों को गिरफ्तार किया है। सूत्रों के मुताबिक इन संदिग्धों में से पांच आरोपियों को मौत की सजा दी जा सकती है। यूरोपीय संघ ने गुरूवार को कहा कि इस जुर्म में शामिल दोषियों पर सख्त करवाई की जानी चाहिए। उन्होंने कहा कि हत्या कि पूरी पारदर्शी और विश्वसनीय जांच होनी चाहिए। फ्रांस के विदेश मंत्रालय ने कहा था कि खशोगी की हत्या में शामिल सभी 18 अपराधियों पर वे प्रतिबन्ध लगायेंगे।