केंद्रीय गृह मंत्रालय के सूत्रों का कहना है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से आए गैर-मुस्लिम प्रवासी अपने आप भारतीय नागरिक नहीं बन जाएंगे, बल्कि इसके लिए उन्हें आवेदन करना होगा। सूत्रों ने कहा कि नागरिकता संशोधन अधिनियम को जल्द ही फ्रेम किया जाएगा। इसे ठीक ठंग से कानून की शक्ल दिया जाना अभी बाकी है।
गृह मंत्रालय के सूत्रों के अनुसार, भारतीय नागरिक बनने के इच्छुक प्रवासियों को ऑनलाइन आवेदन करना होगा।
लोकसभा में नागरिकता संशोधन विधेयक के आने के बाद से ही देशभर के कई हिस्सों में इसका विरोध हो रहा है। राज्यसभा से भी पास होने के बाद से हालात और अधिक बिगड़े हैं।
लोकसभा व राज्यसभा से पारित होने और राष्ट्रपति के हस्ताक्षर करने के साथ ही यह अब कानून बन चुका है।
नागरिकता संशोधन अधिनियम के माध्यम से अफगानिस्तान, पाकिस्तान और बांग्लादेश से भारत आए हिंदू, पारसी, ईसाई, जैन, बौद्ध और सिख समुदायों के लोगों को नागरिकता देने का प्रावधान है।