उत्तर प्रदेश के मुख्यमत्री योगी आदित्यनाथ ने इलाहाबाद का नाम बादल कर ‘प्रयागराज’ रखने के फैसले का बचाव करते हुए कहा कि हमारे सामाज में नाम का बहुत महत्व है। इस लिहाज से इलाहाबाद का नाम बदलना बहुत जरूरी था।
कुछ लोगों ने इलाहाबाद का नाम बदल कर प्रयागराज रखने का विरोध किया था। उनपर तंज कसते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि ऐसे लोग अपना नाम बदल कर रावण और दुर्योधन क्यों नहीं रख लेते?’
एक कार्यक्रम में बोलते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कुछ लोगों ने हमसे सवाल किया कि ऐतिहासिक शहर का नाम बदल कर क्या हासिल होगा? मैं उनसे पूछता हूँ कि उनके माता पिता ने उनका नाम रावण या दुर्योधन क्यों नहीं रखा।’ योगी ने कहा कि हमारे देश में ज्यादातर लोगों के नाम भगवन राम के ऊपर होते हैं। भगवान् राम का हमारे समाज पर बहुत ही गहरा प्रभाव है।
पिछले महीने ही उत्तर प्रदेश सरकार ने इलाहाबाद का नाम प्रयागराज रखने की घोषणा की थी। इस घोषणा का विपक्षी पार्टियों खासकर समाजवादी पार्टी और कांग्रेस ने कड़ा विरोध किया था और इसे एक ख़ास वोटबैंक को लुभाने के लिए घटिया राजनितिक स्टंट करार दिया था।
राजनितिक दलों से इतर समाज के कई वर्गों से योगी के इस फैसले पर मिश्रित प्रतिक्रिया आई थी।
नाम बदलते का प्रस्ताव पास करते वक़्त मुख्यमंत्री आदित्यनाथ ने कहा था कि 500 साल पहले प्रयागराज का नाम मुगलों ने इलाहाबाद कर दिया था। ये स्थान तीन पवित्र नदियों का संगम है। इसलिए फिर से इसका नाम प्रयागराज किया जा रहा है। योगी ने फैसले का विरोध करने वालों के इतिहास ज्ञान पर भी सवाल उठाये थे।