सरकार के मुताबिक़ जून 2014 के बाद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विदेश दौरों पर करीब 2,021 करोड़ रुपये खर्च हुए। ये खर्च चार्टर फ्लाइट, एयरक्राफ्ट के रखरखाव और विदेश दौरों के दौरान हॉट लाइन की सुविधा पर खर्च हुए।
राज्यसभा में इस मुद्दे पर पूछे गए सवालों का जवाब देते हुए, विदेश राज्य मंत्री वीके सिंह ने 2014 और 2018 के बीच प्रधान मंत्री द्वारा दौरा किए गए देशों की भी जानकारी दी, जो अब उन शीर्ष 10 देशों में शामिल हैं, जहां से भारत को अधिकतम प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (एफडीआई) प्राप्त हुआ है।
उन्होंने बताया 2014 में प्रत्यक्ष विदेशी निवेश 30,930.5 मिलियन डॉलर से बढ़कर 2017 में 43478.27 मिलियन डॉलर हो गया। मंत्री द्वारा उपलब्ध कराए गए आंकड़ों के अनुसार, यूपीए -2 के दौरान 2009-10 से 2013-14 तक मनमोहन सिंह की विदेश यात्राओं के दौरान चार्टर्ड उड़ानों, विमानों के रखरखाव और हॉटलाइन सुविधाओं पर 1,346 करोड़ रुपये खर्च किए गए थे।
आंकड़ों के अनुसार 1,538.18 करोड़ रुपये प्रधानमंत्री के एयरक्राफ्ट के रखरखाव पर खर्च हुए जबकि 429.25 करोड़ रुपये 15 जून 2014 से 3 दिसंबर 2018 के बीच प्रधानमंत्री के विदेश दौरों के लिए चार्टर फ्लाईट पर खर्च हुए। हॉटलाइन पर 9.11 करोड़ रुपये खर्च हुए।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मई 2014 के बाद से 55 देशों में 48 विदेश यात्राएँ की। उन्होंने कई एक ही देश की कई बार यात्राएँ की। वीके सिंह द्वारा प्रदान किए गए विवरण में 2017-18 और 2018-19 में पीएम मोदी की विदेश यात्राओं के दौरान हॉटलाइन सुविधाओं पर व्यय शामिल नहीं था।
2014-15 में विदेशी गंतव्यों के लिए चार्टर्ड उड़ानों की लागत 93.76 करोड़ रुपये, जबकि 2015-16 में 117.89 करोड़ रु, 2016-17 में 76.27 करोड़ रुपये और 2017-18 में चार्टर्ड उड़ान पर 99.32 करोड़ रु खर्च हुए। 2018 -19 में 3 दिसंबर तक 42.10 करोड़ रुपये खर्च हुए।
मंत्री ने कहा कि 2014 और जून 2018 के बीच कुल एफडीआई 136,077.75 मिलियन डॉलर था, 2011 और 2014 के बीच के वर्षों में एफडीआई 81,843.71 मिलियन डॉलर दर्ज किए गए।