चीन के सफल अनौपचारिक दौरे के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अब रुसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ भी अनौपचारिक वार्ता में हिस्सा लेंगे।
रशिया में अध्यक्षीय चुनाव जीतने के व्लादिमीर पुतिन चौथी बार रशिया के राष्ट्रपति बने हैं। रशिया में भारतीय राजदूत पंकज सरन के अनुसार राष्ट्रपति पद की शपथ लेने के 2 सप्ताह के अंदर राष्ट्रपति पुतिन ने खुद प्रधानमंत्री मोदी को अनौपचारिक वार्ता के लिए आमंत्रित किया है।
राष्ट्रपति पुतिन के आमंत्रण को स्वीकार करते हुए प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी सोमवार 21 मई को रशिया के सोची शहर के रवाना होंगे, सोची के ब्लैक सी रिसोर्ट में दोनों नेताओं के बीच वार्ता होना तय हैं। 2014 के विंटर ओलिंपिक गेम्स के बाद सोची शहर ही अहमियत में इजाफा हुआ हैं, अपने उष्णकटिबंधीय वातावरण की वजह से सोची को रशिया की समर कैपिटल भी कहा जाता है।
भारतीय विदेश मंत्रालय द्वारा जारी बयान के अनुसार, “दोनों देशों के नेताओं के बीच पारस्पारिक हितों के विषय, बढ़ता आतंकवाद, व्यापार, आर्थिक विकास जैसे विषयों पर चर्चा होगी। समय की कसौटी पर भारत-रूस के संबंध खरे उतरे है, भारत और रूस रणनीतिक साझेदार हैं।”
रूस में भारतीय राजदूत पंकज सरन के अनुसार द्वीपक्षीय विषयों के साथ दोनों नेता ईरान परमाणु संधी पर भी विचारविमर्श करेंगे। भारत और रूस दोनों के ईरान के साथ अच्छे संबंध हैं और अमेरिका का इस संधी से हटना और आर्थिक प्रतिबंधों को लागू करना यह दोनों देशों के लिए चिंता का विषय हैं।
भारत और रूस दोनों आतंकवाद से त्रस्त है, दोनों देश इस्लामिक स्टेट के बड़ते खतरे को लेकर अपनी चिंताए कई बार जाहिर कर चुके है। इस अनौपचारिक वार्ता में आतंकवाद के साथ, अफगानिस्तान, सीरिया के बारेमें भी बातचीत होने की आशंका जताई जा रही हैं।
परमाणु उर्जा के क्षेत्र में भारत, रूस का सहयोग चाहता हैं। भारत की मदत से बांग्लादेश में बन रहे रूपपुर नुक्लेअर प्लांट में भारत रूस की ओर से सहयोग चाहता हैं।
आपको बतादे पिछले महीने में विदेश मंत्री सुषमा स्वराज शंघाई सहयोग संगठन की विदेश मंत्री स्तरीय बैठक में हिस्सा लेने चीन गयी थी, वह उन्होंने अपने समकक्ष वांग यी के साथ मुलाकात के बाद नरेन्द्र मोदी – शी जिनपिंग के बीच अनौपचारिक शिखर वार्ता की पुष्टि की थी। प्रधानमंत्री मोदी 23-24 अप्रैल को चीन के वुहान शहर में चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग से मिले थे।