पीएम नरेंद्र मोदी ने बुधवार को पेट्रोल और डीजल पर वैट कम नहीं करने वाले राज्यों से करों में कटौती करने का आग्रह करते हुए कहा कि यह लोगों के खिलाफ अन्याय है। प्रधानमंत्री ने देश में कोविड-19 की स्थिति पर राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत के दौरान अपनी चिंता व्यक्त की।
उन्होंने कहा कि पेट्रोल और डीजल की बढ़ती कीमतों के बोझ को कम करने के लिए केंद्र सरकार ने पिछले साल नवंबर में उत्पाद शुल्क में कमी की थी।
प्रधानमंत्री ने कहा कि कोविड-19 के दौरान जिस तरह केंद्र और राज्यों ने मिलकर काम किया यह देश की कोरोना के खिलाफ लड़ाई में अहम भूमिका निभाई है। उन्होंने कहा कि वैश्विक परिस्थितियों को देखते हुए भारत की अर्थव्यवस्था की मजबूती के लिए आर्थिक निर्णयों पर केंद्र और राज्य सरकारों के बीच समन्वय पहले से कहीं अधिक आवश्यक है।
Speaking at a meeting with Chief Ministers. https://t.co/WyeQyQS0UQ
— Narendra Modi (@narendramodi) April 27, 2022
प्रधानमंत्री ने कहा है कि “कोविड-19 चुनौती अभी खत्म नहीं हुई है और सतर्क रहने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि omicron और इसके वेरिएंट अभी भी गंभीर परिस्थिति पैदा कर सकते हैं जैसा कि यूरोपीय देशों में देखा गया है। उन्होंने कहा कि वैज्ञानिक और विशेषज्ञ राष्ट्रीय और वैश्विक स्थिति पर लगातार नजर रख रहे हैं।”
प्रधानमंत्री ने इस बात पर प्रकाश डाला कि “देश को उनके सुझावों पर pre-emptive, pro-active और collective approach के साथ काम करना होगा। उन्होंने कहा कि संक्रमण को शुरुआत में ही रोकना पहले प्राथमिकता थी और आज भी यही बनी रहनी चाहिए।”
उन्होंने जोर देकर कहा कि प्राथमिकता सभी पात्र बच्चों का जल्द से जल्द टीकाकरण हो और इस दिशा में विशेष अभियान चलाने की जरूरत है।
प्रधानमंत्री ने कहा कि यह प्रत्येक भारतीय के लिए गर्व की बात है कि देश में 96 प्रतिशत वयस्क आबादी को कम से कम एक कोविड वैक्सीन की खुराक मिल गई है। उन्होंने कहा कि देश को टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट की अपनी रणनीति को प्रभावी ढंग से लागू करना होगा।
प्रधानमंत्री ने सार्वजनिक स्थानों पर कोविड-उपयुक्त व्यवहार को बढ़ावा देने की आवश्यकता पर बल दिया और मेडिकल कॉलेजों और जिला अस्पतालों में बुनियादी ढांचे, जनशक्ति को बढ़ाने का आह्वान किया। बैठक में जनशक्ति और चिकित्सा बुनियादी ढांचे को बढ़ाने पर भी चर्चा की गई।