भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी वार्षिक शिखर सम्मेलन के शरीक होने के लिए जापान पहुँच चुके हैं। इस सालाना शिखर सम्मेलन का आयोजन 28 और 29 अक्टूबर को होगा।
जापान की यात्रा पर निकलने से पूर्व पीएम मोदी ने कहा कि भारत और जापान का मिलन एक विजयी मेल है। उन्होंने कहा जापान भारत का सबसे अधिक भरोसेमंद साथी है।
#WATCH: Japan Prime Minister Shinzo Abe receives PM Narendra Modi at hotel Mount Fuji in Yamanashi pic.twitter.com/FoablhOqlc
— ANI (@ANI) October 28, 2018
जापान में नरेन्द्र मोदी का स्वागत करते हुए जापानी प्रधानमंत्री शिंजो आबे
नरेंद्र मोदी ने कहा कि भारत और जापान के मध्य विशेष रणनीतिक और वैश्विक साझेदारी है। उन्होंने कहा कि बीते सालों में जापान के साथ रणनीतिक और आर्थिक हालातों में काफी परिवर्तन आया है। भारत की एक्ट ईस्ट पॉलिसी में जापान एक महत्वपूर्ण स्तंभ है और पैसिफिक पर दोनों राष्ट्रों के विचार और प्रतिबद्धतायें समान है।
इससे पूर्व पीएम मोदी सितंबर 2014 में जापान की यात्रा पर गए थे। पीएम मोदी ने कहा कि प्रधानमंत्री बनने के बाद जापान के पीएम से उनकी यह 12 वीं मुलाकात है। उन्होंने कहा कि लोकतंत्र पर दोनों राष्ट्रों ने लोकतंत्र पर विचार साझा किए हैं। दोनो राष्ट्रों के मकसद हर जगह शांति और समृद्धि का माहौल तैयार करना है।
नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज (इलहाबाद) और मुम्बई के हाई स्पीड रेल नेटवर्क को दोनो राष्ट्रों के मज़बूत संबंध और आर्थिक भागीदारी को समर्पित किया था।
नरेन्द्र मोदी नें जापान पहुंचकर वहां मौजूद भारतीय समुदाय के लोगों से भी मुलाकात की।
I thank Japan's Indian community for their warm welcome.
We are proud of the accomplishments of the Indian diaspora. pic.twitter.com/N51w7nPJpo
— Narendra Modi (@narendramodi) October 27, 2018
नरेंद्र मोदी ने कहा कि जापान मेक इन इंडिया, डिजिटल इंडिया, स्टार्टअप इंडिया और स्किल इंडिया को बढ़ावा देने में सबसे आगे रहा है। भारत के आर्थिक भविष्य पर जापानी निवेशकों को यकीन है। उन्होंने कहा कि इस यात्रा के दौरान भारत को जापान की रोबोटिक में उच्च तकनीक के बारे में पता चलेगा।
भारतीय प्रधानमंत्री ने कहा कि जापान के प्रधानमंत्री शिंजो अबे और दोनों राष्ट्रों के दिग्गज निवेशकों से लंबी वार्ता करने का समय मिलेगा। साथ ही वह जापान में भारतीय समुदाय को संबोधित करेंगे। उन्होंने कहा कि इस बातचीत की प्रक्रिया से दोनों राष्ट्रों के मध्य व्यापार और निवेश संबंध मजबूत होंगे।
पीएम मोदी ने कहा कि साथ ही स्वास्थ्य, तकनीक, कृषि और आपदा प्रबंधन जैसे नए क्षेत्रों में साझेदारी बढ़ेगी। बीते वर्ष जापानी प्रधानमंत्री और उनकी पत्नी को नरेंद्र मोदी ने अपने गुजरात के घर मे आने का निमंत्रण दिया था।